उरई। पालिका सभागार में राज्य निगरानी समिति के सदस्य ने समीक्षा बैठक कर शहर में हो रहे विकास कार्यों के बारे में जाना कुछ पर संतोषजनक टिप्पणी की तो कुछ पर सुधार करने के निर्देश दिए।

राज्य स्तरीय निगरानी समिति की सदस्य पूजा वाल्मीकि शुक्रवार को उरई पालिका पहुंची। जहां पर उन्होंने पालिका के अधिकारियों वा कर्मचारियों के साथ बैठक की। जिसमें नगर पालिका ईओ विमलापति ने बताया कि उरई में हर वार्ड में साफ-सफाई से लेकर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। हर वार्ड की सड़क को पक्का बनाया जा रहा है। जलभराव की समस्या को लेकर भी इंतजाम किए जा रहे हैं। जो लोगों की रोज समस्याएं आती हैं। उन पर विशेष रूप से काम किया जा रहा है। 24 घंटे के अंदर समाधान करने का प्रयास किया जाता है।

सफाई व्यवस्था को लेकर एसआई ओमप्रकाश चौधरी ने बताया कि हर वार्ड में पर्याप्त कर्मचारियों की तैनाती की गई है। स्वयं रोज निरीक्षण करके हर वार्ड में साफ सफाई करवाई जा रही है ।इस हफ्ते अभियान चलाकर हर वार्ड में नाला सफाई से लेकर को गंदगी कूड़े के ढेर लगे हैं। उनको हटवाने का काम किया जाएगा। वहीं अभी तक दर्जन भर से ज्यादा कूड़े के ढेर हटवा दिए गए हैं। जिसको लेकर सदस्या ने संतोषजनक स्थिति जताई। वहीं कई विषय पर नाराजगी जाहिर की और उसमें सुधार करने को कहा। बैठक में सफाई कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष द्वारा ईपीएफ घोटाले की शिकायत कि गई। जिसके बाद उन्होंने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए। संविदा कर्मियों के ईपीएफ जल्द से जल्द देने और जो मृतक आश्रित है। उनको नौकरी जल्द देने को कहा जिसके बाद ईओ ने बताया कि इसको लेकर प्रक्रिया चल रही है। जल्द उन्हें नौकरी मिल जाएगी।

तीन साल का ईपीएफ कहा गया

सफाई कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष संतोष वाल्मीकि ने बताया कि अप्रैल 2018 से 255 संविदा कर्मचारियों का 1949 रुपये का ईपीएफ 2020 तक काटा गया। 2021 में शासन से प्राप्त जियो का हवाला दिया तो अफसर बैकफुट पर आ गए और उन्होंने 2021 जनवरी माह से कर्मचारियों का प्रति माह 700 रुपये काटना शुरू कर दिया है। इसमें 12 प्रतिशत कर्मी व 13 प्रतिशत नपा का पीएफ शामिल है। लेकिन तीन साल का ईपीएफ का कोई पता नहीं चला। इसके कागज भी कोई नहीं मिले। 2021 के बाद सभी का पीएफ कागजों में दर्ज हुआ।

एसडीएम कर रहे जांच

ईपीएफ घोटाले की जांच को लेकर सामाजिक व सफाई संगठन ने डीएम से शिकायत की थी। जिसके बाद में कालपी न्यायिक एसडीएम को जांच सौंपी थी। जिन्होंने उरई नगर पालिका ईओ को नोटिस देकर सात अगस्त तक सभी कागज पेश करने को कहा। वहीं ईओ ने कहा कि सभी का पीएफ जमा हो रहा है। सब का पीएफ मिलेगा।

15 संविदा कर्मचारियों का हो चुका निधन

अभी तक संतोष, चंदप्रकाश, कैलाशी, अनीता, जीतू, नंही, अशोक कुमार,अजय, सुनीता,सुरेश, क्रांति, रवि, वीरेंद्र, ममता, रविंद्र 15 संविदा कर्मचारियों के निधन हो चुका है। परिजनों को ना तो किसी प्रकार का कोई पीएफ मिला है और ना ही मृतक आश्रितों को अभी तक नौकरी मिली है। इनमें कुछ परिवारों की स्थिति बेहद दयनीय है। उसके बाद

भी कोई मदद नहीं की गई।



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