MP News: CM Shivraj said - I will run Chief Minister's public service friend in the next government as well

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
– फोटो : अमर उजाला

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को लाल परेड मैदान में आयोजित मुख्यमंत्री जनसेवा मित्र बूट कैंप बैच-2 के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया। मुख्यमंत्री युवा इंटर्नशिप कार्यक्रम के तहत प्रदेशभर में नियुक्त किए जा रहे 9 हजार से अधिक मुख्यमंत्री जनसेवा मित्रों को शुक्रवार को लाल परेड मैदान में छह अलग-अलग सत्रों में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने उन्हें नियुक्ति पत्र बांटे और संबोधित किया।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जनसेवा मित्रों आप ठीक से काम करो और अपनने भविष्य की जिम्मेदारी मामा को सौंप दो। मैं मुख्यमंत्री जनसेवा मित्र योजना को अगली सरकार में चलाऊंगा। मैं इस योजना को बंद नहीं करूंगा, क्योंकि इसकी जरूरत हमेशा रहेगी। इसलिए मुख्यमंत्री जनसेवा मित्रों का काम लगातार जारी रहने वाला है। ताकि हम ठीक-ढंग से जनता और सरकार के बीच में पुल बनकर काम कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि  एक जमाना था, जब तुम छोटे-छोटे थे तब मेरे बेटे बेटियों मध्यप्रदेश में सड़के नहीं थी गड्ढों में सड़क थी या सड़क में गड्ढा यह पता ही नहीं चलता था।  समारोह के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलाकारों के साथ गाना भी गाया। मुख्यमंत्री ने नदिया चले, चले रे धारा….तुमको चलना होगा……तुमको चलना होगा, गाना गया। 

दिग्विजय राज में लोग गड्ढों में सड़क ढूंढते थे

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब गड्ढों में लोग सड़क ढूंढते थे, तब दिग्विजय सिंह का राज हुआ करता था। अगर सड़क पर चलते थे तो हालत यह हो जाती थी गाड़ी का हिचकोले हड्डी-पसरी सारे डोले, याद आ गए शंकर भोले।  सड़कों का पता नहीं था। तुम तो मामा के राज में पैदा हुए हो, इसलिए तुमने वैसे सड़कें नहीं देखी हैं तुम्हें पता है बिजली कितने घंटे आती थी। 24 घंटे में से 3 से 4 घंटे केवल बिजली आती थी और बच्चे परीक्षा की तैयारी लालटेन में करते थे।

बिजली-पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी

मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी के दिनों में कई बार हवा करते हुए रात रात भर सड़कों पर घूमना पड़ता था, क्योंकि बिजली आती ही नहीं थी। पीने का पानी हो या सिंचाई की व्यवस्था हो मध्यप्रदेश में कोई इंतजाम नहीं था और हालत थी कि मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य कहते थे । बचपन में मैंने पढ़ा था एक की अच्छे काम के लिए क्या करना चाहिए। 

पांव में चक्कर, मुंह में शक्कर, सीने में आग और माथे पर बर्फ

मुख्यमंत्री ने जनसेवा मित्रों से संवाद करते हुए कहा कि आप लोगों को पांव में चक्कर, मुंह में शक्कर, सीने में आग और माथे पर बर्फ रखना होगा। पांव में चक्कर का मतलब है- आपको जो पंचायत एलॉट की जाए, उस पंचायत में लगातार घूमते रहो। ऑफिस में बैठे-बैठे काम नहीं हो सकता।

मुंह में शक्कर का मतलब है – जब हम हितग्राहियों से मिलें चाहे लाडली बहना योजना के हो, चाहे किसान सम्मान निधि वाले हो, चाहे सीखो कमाओ योजना का लाभ उठाने वाले नौजवान हो, आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी हों, अलग-अलग जितनी योजना योजनाएं हैं। उनके लाभार्थियों से जो कम पढ़े लिखे होंगे। जिनको जानकारी की जरूरत होगी। उनसे बहुत प्यार से बात करना, उनसे आत्मीय रिश्ते जोडऩा, उनको लगे कि वो ये है जो मेरी मदद करने के लिए आए हैं।

तीसरी चीज सीने में आग मुख्यमंत्री कहा कि इसका मतलब है कि हम जो काम कर रहे हैं उस काम को पूरा करने के लिए दिल में तड़प होना चाहिए। बिना तड़प के कोई काम नहीं हो सकता।



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