ललितपुर। जिले में बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए सरकार द्वारा दी गईं 150 गायें खुद कुपोषण का शिकार हो गईं। गायों के लिए प्रतिमाह दिए जाने वाले नौ सौ रुपये तीन माह से सरकार ने नहीं दिए हैं। ऐसे में गायों को लेने वाले ग्रामीण उनको ठीक तरीके से चारा-भूसा नहीं खिला पा रहे हैं। ऐसे में वे कमजोर होने के साथ दूध भी कम देने लगी हैं।

शासन ने वर्ष 2020 में कुपोषित बच्चों को पोषित करने और ताकतवर बनाने के लिए गोशालाओं में संरक्षित गायों को दान देने के निर्देश दिए थे। जनपद में जिला कार्यक्रम विभाग ने चिह्नित 150 कुपाेषित बच्चों की सूची पशु पालन विभाग को दी। मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत इन परिवारों को गोशालाओं में संरक्षित गायें दी गईं। वर्तमान में जनपद के शहरी क्षेत्र सहित ब्लाॅक अंतर्गत गांवों में 150 कुपोषित बच्चों के परिवारों के पास मुख्यमंत्री सहभागिता के तहत गाय दी गई थीं। गाय को पोषित करने के लिए 30 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से खाना खुराक करने को पशुपालन विभाग द्वारा धनराशि दी जाती रही। लेकिन अप्रैल माह के बाद से इन गोपालकोें के खातों में धनराशि नहीं भेजी गई।

केस – एक

ब्लॉक बार के ग्राम पुलवारा निवासी मनोहर ने बताया कि उसकी पुत्री सीमा कुपोषण का शिकार हो गई थी। इस पर उसे सहभागिता के तहत गाय दी गई थी। गाय की खान खुराक के लिए प्रतिमाह 900 रुपये मिलते हैं। लेकिन अप्रैल माह के बाद धनराशि नहीं आई है। इस कारण से वह गाय के लिए भूसा, खली सहित अन्य सामग्री नहीं खरीद पा रहा है और उसकी गाय कमजोर हो रही है।

केस – दो

ब्लॉक बार अंतर्गत ग्राम पुलवारा निवासी मूलचंद ने बताया कि अप्रैल माह में 1800 रुपये की किस्त आई थी। इसके बाद धनराशि अभी तक नहीं आई है। इस कारण वह अपनी गाय के लिए भूसा व चारा, खली खरीदकर नहीं खिला पा रहा है। इसका असर उसकी गाय के देने वाले दूध पर पड़ रहा है और वह भी कम निकलने लगा है।

केस – तीन

ग्राम पुलवारा निवासी भानसिंह ने बताया कि उनका पुत्र हरेंद्र कुपोषण से ग्रसित हो गया था। उसे जिला कार्यक्रम विभाग द्वारा गोशाला से एक गाय दी गई थी। गाय की खान खुराक के लिए 30 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से धनराशि दी जाती है। अप्रैल माह में 1800 रुपये उनके खाते में आए थे। इसके बाद रुपये नहीं आए। इस कारण से वह गाय को तंदरुस्त रखने और दूध को बढ़ाने के लिए खली, जौ और भूसा नहीं ले पा रहे है।

चिह्नित कुपोषित बच्चे के 150 परिवारों को मुख्यमंत्री सहभागिता के तहत गाय गोशाला से दी गई थी। गाय पालकों की सत्यापन की जून तक की रिपोर्ट पशु पालन विभाग को भेज दी गई है। पशु पालन विभाग को इन गाय पालकों के खातों में धनराशि भेजनी है।

– नीरज कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी

वर्तमान में 150 गायों के पालकों की सत्यापन रिपोर्ट जिला कार्यक्रम विभाग ने दी थी। जिसके अनुसार गाय पालकों के खातों में धनराशि भी भेजी गई। जिनके खातों में नहीं पहुंच पाई है उन्हें दिखवाया जाएगा और उनके खातों में धनराशि को पहुंचाया जाएगा।

– देवेंद्र पाल सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी



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