ललितपुर। श्रीसिद्धपीठ चंडी मंदिर धाम पर चल रहें श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ में शुक्रवार को विधि-विधान से पीठ-पूजन किया गया। अधिमास की कथा सुनाते हुए चंडीपीठाधीश्वराचार्य महामंडलेश्वर स्वामी चंद्रेश्वर गिरि महाराज ने कहा कि अधिमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है क्योंकि इसके स्वामी स्वयं भगवान श्रीहरि हैं। पुरुषोत्तम मास का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस माह भगवान विष्णु की आराधना और भागवत कथा श्रवण करना बेहद पुण्यदायी माना गया है। मान्यता है कि इस मास किए गए धार्मिक कार्यों और पूजा पाठ का फल अधिक मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र में मलमास का महत्व बताते हुए, कुछ ऐसी चीजों के बारे में जानकारी दी गई है कि इस अवधि में भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए दान-पुण्य,यज्ञ आदि कार्य करना चाहिए। यज्ञ का पूजन मुख्य यजमान हरीशंकर साहू सहित अन्य सहयजमान सह यजमान राजनारायण पुरोहित, अनूप मोदी, अश्विनी पुरोहित, संतोष साहू, कृपाल गुप्ता,गणेश अग्रवाल, कुंज बिहारी उपाध्याय, दुर्गा प्रसाद सैनी, राम बिहारी दुबे, महेंद्र अग्निहोत्री, रामस्वरूप साहू, सत्यनारायण साहू आदि ने किया।