ललितपुर। चुनावी घोषणाओं पर यकीन करने के बाद तमाम नलकूप किसानों ने बिजली का बिल जमा करने बंद कर दिए। यह नलकूप किसान सरकार गठन के बाद से बिजली का बिल माफ होने की आस में बिल चुकता नहीं कर रहे हैं। ऐसे में जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के 5600 नलकूप किसानों पर बिजली विभाग का 43 करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया हो गया। अब विभाग इन किसानों को नोटिस भेजकर बिल जमा करने का दबाव बना रही है। जिससे किसान काफी परेशान हैं।

विधानसभा चुनाव के दौरान हर पार्टी ने अपने-अपने घोषणा पत्र में किसानों को बिजली में बड़ी रियायत देने का एलान किया था। किसी ने बिल माफी की बात की, तो किसी ने बिल आधा करने की बात कही थी। इन्हीं घोषणाओं पर विश्वास करते हुए किसानों ने बिजली का बिल जमा करना बंद कर दिया था। अब सरकार के गठन को एक साल से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन किसानों को अभी भी आस है कि बिजली बिल माफ किया जाएगा।

किसानों का कहना है कि सरकार के बिजली बिल माफी की आस में बिजली का बिल तो नहीं माफ हुआ, लेकिन किसान कर्जदार जरूर हो गए। किसानों ने बताया कि पहले तो हर महीने बिल जमा कर देते थे, लेकिन बिजली बिल माफ होने की आस में बिल जमा करना बंद कर दिया था। जिससे अब एकसाथ बहुत ज्यादा बिल हो गया है। जिससे बहुत परेशान हैं। वहीं, विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिल माफ करने का कोई आदेश नहीं है। बकायेदार किसानों को बिल जमा करना होगा।

चुनाव के पहले सरकार ने किसानों को कई लुभावने वादे किए, लेकिन कोई वाद पूरा नहीं किया। 11 अगस्त को सरकार के वादा खिलाफी को लेकर जिले में किसान यात्रा निकाली जाएगी। सरकार को किसानों का बिजली बिल माफ करना चाहिए। – रंजीत कुमार, भाकियू जिलाध्यक्ष

चुनाव से पहले सभी नेताओं ने किसानों का बिजली बिल माफ करने की घोषणा की थी, लेकिन सरकार गठन के बाद सभी भूल गए। किसानों ने सरकार की तरफ से किए गए वादों पर विश्वास करके बिजली का बिल नहीं जमा किया। अब बिजली विभाग दबाव बना रहा है। – लाखन सिंह पटेल, भाकियू जिला उपाध्यक्ष

नलकूप किसानों या अन्य किसी भी उपभोक्ताओं का बिल माफ किए जाने का कोई निर्देश नहीं है। सभी बकायेदारों से बिजली का बिल वसूल किया जाएगा। जो भी बकाया है, उसको जल्द से जल्द जमा कर दें। अन्यथा अभियान चलाकर कनेक्शन काटे जाएंगे।

– संजय सिंह, अधीक्षण अभियंता ललितपुर



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