अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। टर्म लोन योजना के तहत स्वरोजगार के लिए ऋण लेकर 253 लोग पिछले सोलह साल से लापता हैं। इन लोगों ने मिलकर कुल करीब 4.67 करोड़ रुपये डकार लिए। अब जाकर इनकी तलाश शुरू हुई है। तलाश कर रहे अफसरों का कहना है कि कर्ज न चुकाने वालों की कुर्की कराई जाएगी।
उप्र वित्त विकास निगम लिमिटेड ने वर्ष 1996 में टर्म लोन योजना आरंभ की थी। इसके तहत स्वरोजगार के लिए लोगों को ढाई से तीन लाख रुपये का ऋण 7 प्रतिशत ब्याज के साथ दिया जाता था। इससे लोगों को रोजगार आंरभ करने में मदद मिलती थी। इस योजना में 90 फीसदी धनराशि सरकार देती थी जबकि 10 प्रतिशत आवेदक को देना होता था। आज से करीब सोलह साल पहले वर्ष 2007 में यह योजना अचानक बंद कर दी गई। पिछले माह शासन ने जब इसकी जांच-पड़ताल शुरू कराई तब स्थानीय अफसरों में भी हड़कंप मचा। कागज खंगालने पर मालूम चला कि 253 कर्जधारकों ने अभी तक एक भी पैसा वापस नहीं किया। इन सभी को कुल मिलाकर 1.20 करोड़ रुपये कर्ज दिया गया था। ब्याज का पैसा मिलाकर यह रकम कुल 4.67 करोड़ रुपये बैठती है। अब इन सभी बकायेदारों की तलाश की जा रही है। इन कर्जदारों को तलाशने के साथ ही इनको नोटिस भी दी जा रही है। वहीं, कर्ज लेने वालों में से कुछ की मौत हो चुकी। उनके घर नोटिस पहुंचने से परिवार के लोग भी हैरान हैं। उधर, उपनिदेशक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के उपनिदेशक मो.तारिक का कहना है कई लोगों ने कर्ज की रकम वापस नहीं की है। वापस न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।