पिछले एक माह से सहकर्मियों ने खोल रखा था मोर्चा, अनुशासनहीनता की भी शासन तक पहुंची थी शिकायत
बृहस्पतिवार को शासन से आया निलंबन का आदेश
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी/ललितपुर। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता छत्रपति सिंह को सहकर्मियों के साथ गाली-गलौज एवं अनुशासनहीनता करने के आरोप में शासन ने बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया। अधिशासी अभियंता के खिलाफ शासन को पिछले काफी समय से शिकायतें मिल रही थीं। जांच में मामला सही पाए जाने पर शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया है।
ललितपुर स्थित सिंचाई निर्माण खंड (द्वितीय शाखा) में 17 मार्च 2023 को बतौर अधिशासी अभियंता छत्रपति सिंह ने कार्यभार संभाला था। उनको अनुसंधान एवं नियोजन खंड (प्रथम) के साथ इसकी अतिरिक्त तैनाती दी गई। निर्माण खंड शाखा को भौंरट नहर परियोजना का काम पूरा करना है लेकिन, तैनाती के बाद से ही अधिशासी अभियंता का अपने मातहतों के साथ विवाद होने लगा।
शाखा में तैनात सहायक अभियंता एवं अवर अभियंताओं का आरोप है कि अधिशासी अभियंता सभी के साथ गाली-गलौज करते हैं। अपने चैंबर में बुलाकर सहायक अभियंता तक को अपमानित करते हैं। मातहतों ने इसकी शिकायत मुख्य अभियंता समेत प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष अनिल कुमार से की थी। विभागाध्यक्ष ने मुख्य अभियंता राजपाल सिंह को मामले की जांच सौंपी थी।
पिछले माह जांच पूरी करके मुख्य अभियंता ने अपनी रिपोर्ट विभागाध्यक्ष को सौंपी थीं। रिपोर्ट में अधिशासी अभियंता छत्रपति सिंह पर लगे आरोप सही पाए गए। इसके बाद विभागाध्यक्ष की रिपोर्ट पर बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय से छत्रपति सिंह को निलंबित किए जाने का आदेश जारी हो गया।
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विवादों से रहा है पुराना नाता
अधिशासी अभियंता छत्रपति सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है। झांसी में पंचम शाखा में तैनाती के दौरान भी उनका कर्मचारियों से इसी बात पर विवाद हो गया था। नाराज कर्मचारी उनके खिलाफ मुख्य अभियंता कार्यालय में धरने पर जा बैठे थे। इसके चलते उनको यहां से हटाना पड़ा था। यहां भी अधिशासी अभियंता के खिलाफ कार्यालय में तैनात कुल दस अभियंताओं ने मोर्चा खोल दिया था। इनमें चार सहायक अभियंता और छह अवर अभियंता शामिल थे, हालांकि कुछ समय से इनमें से कुछ अवर अभियंताओं ने इस विवाद से अपना पल्ला झाड़ लिया था लेकिन, तब तक शिकायत मुख्य अभियंता समेत विभागाध्यक्ष तक पहुंच चुकी थी।
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अधिशासी अभियंता के खिलाफ सहायक अभियंता एवं अवर अभियंताओं ने शिकायत की थी। इसी आधार पर मुख्यमंत्री कार्यालय से उनके निलंबन के आदेश जारी हुए हैं।
-शीलचंद्र उपाध्याय, अधीक्षण अभियंता, सिंचाई विभाग