उरई। कक्षा नौ से बारहवीं तक पढ़ने वाली छात्राओं को अब शहर में कमरा लेकर पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार ने उनके लिए रहने का इंतजाम कर दिया है। जिले में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में चार छात्रावास बनाए जा रहे है। इसमें विज्ञान वर्ग से कक्षा नौ लेकर इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को रहने और पढ़ने की सुविधा होगी।
बता दें कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बंगरा ब्लॉक नदीगांव और कस्बा कोंच में में 177.16-177.16 लाख की लागत से दो छात्रावास भवन बनकर लगभग पूरा हो गया है। 15 अगस्त तक इनके हैंडओवर की तैयारी है। इसी तरह कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कदौरा ब्लॉक छौंक और पिंडारी में 308.49 लाख की लागत से छात्रावास और एकेडमिक बिल्डिंग बनाई जा रही है। इनके भी सितंबर तक पूरा करने की तैयारी है।
इन भवनों को बनाने की जिम्मेदारी यूपी स्टेट कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड को सौंपी गई है। बीएसए चंद्रप्रकाश का कहना है कि कार्यदाई संस्था से कहा गया है कि जल्द काम पूरा कर बिल्डिंगों को हैंडओवर करें। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा श्यामजी गुप्ता ने निर्माणाधीन भवनों का निरीक्षण किया और जो थोड़ी बहुत कमियां थी, उन्हें जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि जिले में नौ कस्तूरबा गांधी विद्यालय है, जिनमें छात्राएं पढ़ती है। उन्होंने बताया कि बंगरा और कस्बा कोंच के छात्रावास लगभग पूरे हो गए हैं। इन छात्रावासों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं को तो प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही ऐसी छात्राएं भी इन छात्रावासों में रह सकेगी, जो कक्षा नौ से इंटरमीडिएट तक विज्ञान वर्ग में किसी कॉलेज में पढ़ रही है और शहर में रहने के लिए इंतजाम नहीं है, तो वह इन छात्रावास में रहकर अपनी पढ़ाई कर सकती है। हालांकि छात्रावास से उनके विद्यालय की दूरी तीन किलोमीटर के दायरे में होनी चाहिए। इसके साथ उन्हें छात्रावास में पूरा सुरक्षात्मक माहौल दिया जाएगा।
ह7र माह मिलेगा 200 रुपये परिवहन भत्ता
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को हर माह दो सौ रुपये परिवहन भत्ता दिया जाएगा। यह भत्ता उन्हें स्कूल आने जाने के नाम पर दिया जाएगा। यह भत्ता छात्राओं को खाते में दिया जाएगा।
वर्जन
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में लगातार सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। सीसीटीवी कैमरे से लैस हो गए है। जिले में आठ कस्तूरबा विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसमें चार में इंटर तक की पढ़ाई शुरू हो गई है। जल्द ही शेष बचे चार और कस्तूरबा विद्यालयों को भी दुरुस्त किया जाएगा। -चंद्रप्रकाश, बीएसए जालौन