आटा। तीन दिन से लगातार हो रही बारिश किसानों के लिए आफत बन चुकी है। बारिश से सैकड़ों बीघा फसल डूब चुकी है। खरीफ की फसलें बर्बाद होने की कगार पर आ चुकी हैं। खेतों में चारों तरफ पानी भरा है। जिससे बाढ़ जैसे हालात बन हुए हैं। बारिश ने किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीर उभार दी है।

आटा क्षेत्र में अधिकतर किसानों ने अपने खेतों में खरीफ की फसलों की बुआई कर दी है। इसमें कुछ फसलें उग आईं हैं। इससे किसान खुश थे कि इस बार फसल अच्छी होगी। मगर लगातार तीन दिन से दिन रात की बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। अगर समय रहते बारिश बंद नहीं होती है तो किसानों के ऊपर कर्ज लद जाएगा। क्योंकि किसानों ने हजारों की लागत लगाकर कर्ज लेकर फसल बुआई की थी। कुछ की स्थिति गंभीर है। मेहनत मजदूरी कर फसलों की बुआई के लिए रुपये इकट्ठे कर खेतों में ट्रैक्टर से जुताई कराकर खरीफ की फसलें बोई थी। लेकिन बारिश होने से 90 प्रतिशत फसलों को नुकसान पहुंचा है। आटा के किसान राजू पाल ने बताया कि हमने 20 बीघा जमीन में तिलहन की फसल बोई थी। हमारा खेत भरैल होने से पूरी तरह खेत बारिश के पानी से भर गया है। जिससे हमारी पूरी तिल की फसल बर्बाद हो गई है। आटा के किसान प्रदीप तिवारी ने बताया कि हमनें बीस बीघा जमीन में तिल व 10 बीघा में सोयाबीन की फसल बोई थी। बारिश से 90 प्रतिशत फसल चौपट हो गई है।

आटा के किसान कुलदीप तिवारी ने बताया कि उन्होंने अपनी तीस बीघा जमीन में तिलहन की फसल बोई थी। खरीफ की फसल को बोने में एक बीघा जमीन पर करीब छह सौ रुपये की लागत आती है। बारिश से हमारी तिल की करीब 90 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है। आटा के किसान कल्लू कुशवाहा ने बताया कि हमने मेहनत मजदूरी कर एक-एक रुपये जुटाया था इसके बाद अपनी चार बीघा जमीन में उड़द की फसल को बोया था। मगर लगातार हो रही बारिश हमारी मेहनत पर पानी फेर दिया।



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