Ujjain News Noori Khan reached Ambedkar statue in protest against BJP statement Noori Teri Kya Pehchan

प्रदर्शन कर रहे लोग
– फोटो : अमर उजाला

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उज्जैन में शनिवार रात को टावर चौक पर बीजेपी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता थाना माधवनगर में वर्ग विशेष के व्यक्ति जिसने की बाबा महाकाल की सवारी निकालने को लेकर चेतावनी दी थी, उसके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद एक रैली निकाली थी। इस रैली के दौरान ही टावर चौक पर नारेबाजी करते हुए कांग्रेस नेत्री नूरी खान से उनकी पहचान कुछ गंदे तरीके से पूछी गई थी। यहां उन्होंने वायरल वीडियो में उनकी पहचान पूछने वाले बीजेपी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही। यहां तक कह डाला कि जब तक मुझे न्याय नहीं मिलता, मैं बाबा अंबेडकर की शरण में ही रहूंगी। हालांकि, वायरल हुए अश्लील नारों के वीडियो के मामले में माधवनगर थाना पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा-294 और 34 के तहत मामला दर्ज किया है।

सोमवार रात तक तो इस वायरल वीडियो को लेकर कुछ नहीं हुआ, लेकिन कांग्रेस नेत्री नूरी खान ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने के साथ इस तरह के गंदे नारे लगाने वाले लोगों की इस हरकत पर आपत्ति जताई और सुबह डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास 15 से 20 लोगों के साथ धरने पर बैठ गईं। इस दौरान नूरी खान की आंखों में आंसू थे तो हाथों में डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान की किताब और उनके साथ धरने पर बैठे लोग रघुपति राघव राजाराम जैसे भजन गाकर न्याय की गुहार लगा रहे थे।

‘इस घटना से ऐसा लगता है, जैसे मेरे जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं’

धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेत्री नूरी खान ने कहा कि लाड़ली बहना कहने वाले लोग नारी को सम्मान देना नहीं जानते हैं। मेरे खिलाफ जिस तरह की नारेबाजी की गई है, उससे मुझे ऐसा लगता है, जैसे मेरे जिस्म पर एक कपड़ा भी नहीं है। इस घटना के विरोध में मै न तो कोई शक्ति प्रदर्शन करूंगी और न ही कोई रैली निकालूंगी। यह लड़ाई मेरी नहीं, इस प्रदेश की हर बेटी हर महिला आत्मसम्मान की है।

यह है मेरी पहचान

कांग्रेस नेत्री नूरी खान अश्लील शब्दों और गालियों के माध्यम से उनकी पहचान पूछने वाले भाजपाइयों को अपनी पहचान बताते हुए कहा है कि मेरी पहचान शिप्रा आंदोलनकर्ता के रूप में है। जब मुझे पता चला कि कोविड-19 के दौरान एक हिंदू भाई को प्लाज्मा की जरूरत है तो मैंने रोजा तोड़कर न सिर्फ उन्हें प्लाज्मा दिया, बल्कि उनकी जान भी बचाई। मैं राजनीति जरूर करती हूं, लेकिन मैंने मजहब की कोई राजनीति कभी नहीं की।



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