
जूनियर डॉक्टर ने एक दिन पहले कैंडिल मार्च निकाला
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गांधी मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर सरस्वती मामले में गायनी विभाग की एचओडी डॉ. अरुणा कुमार को हटा दिया है। उनकी जगह पर डॉ. भारती सिंह परिहार को नया एचओडी बनाया गया है। बता दें जूनियर डॉक्टर एचओडी को हटाने को लेकर बुधवार को काम हड़ताल पर चले गए थे। डॉ. बाला सरस्वती ने ने आत्महत्या करने से पहले लिखे सुसाइड नोट में गायनी विभाग की सीनियर डॉक्टर पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए है। इसको लेकर सरस्वती को न्याय दिलाने जूनियर डॉक्टर समर्थन में उतर गए थे। बुधवार को जूनियर डॉक्टर ने काम बंद हड़ताल की। उन्होंने इमरजेंसी और रूटीन की अपनी ड्यूटी नहीं की। जूनियर डॉक्टर गांधी मेडिकल की एडमिन बिल्डिंग के सामने बैठकर अपनी मांगों को रखा और नारेबाजी की। जूनियर डॉक्टरों को मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दिया। इसके बाद गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन ने गायनी विभाग की एचओडी को हटाने और डॉ. भारती को प्रभार सौंपने के आदेश जारी किए।
विभागा अध्यक्ष को हटाने समेत की पांच मांग
जूनियर डॉक्टरों ने डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन को पत्र लिखकर गायनी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अरुणा मिश्रा को हटाने की मांग के साथ हड़ताल पर चले गए थे। उन्होंने अपनी मांगों में घटना के लिए जिम्मेदारों को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि एक कमेटी का गठन किया जाए, जो सभी विभागों का दौरा करें जूनियर डॉक्टर समेत अन्य स्टाफ से कामकाज की जानकार लें। छुट्टी स्वीकृत करने का अधिकार सिर्फ मेडिकल कॉलेज के डीन को दिया जाए। वहीं, थिसिस साइन न करने की स्थिति में लिखित स्पष्टीकरण विभागाध्यक्ष से लिया जाए।
55 रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी जान दे चुके
जूनियर डॉक्टर ने अपने पत्र में लिखा कि जूनियर डॉक्टर को विभागाध्यक्ष और सीनियर डॉक्टरों की तरफ से धमकी दी जाती है। उनके साथ दुर्व्यवहार, फेल करने की धमकी और उपस्थिति को शॉर्ट कर परीक्षा में बैठने से रोका जाता है। इसके चलते अब तक 55 रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी जान दे चुके है। डॉक्टर सरस्वती 14 सप्ताह गर्भ से थी। ऐसे में देखा जाए तो यह हत्या है। उन्होंने सरकार को याद दिलाते हुए लिखा कि बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा धुमिल होता दिख रहा है। जब आपके कार्यकाल में बेटी एवं उसके शिशु की हत्या हो रही है।