उर्स के आखिरी दिन चादर की गई पेश, कव्वालों ने पेश किए कलाम
अमर उजाला ब्यूरो
बानपुर। हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक अजीम सूफी संत हजरत मजहर शाह बाबा रहमत उल्लाह अलैह के 31वें उर्स के आखिरी दिन कव्वाल राहत चिश्ती एंड पार्टी ने कलाम पेश किए। उर्स कमेटी व कव्वाल पार्टी ने बाबा मजहर शाह रहमत उल्लाह अलैह के दरबार में पहुंचकर फातिहा ख्वानी की व हाजिरी दी। रात में बाबा के दरबार में आशिके हुसैन नौजवान कमेटी, शाहवान व गुलामे गौस कमेटी ने चादर पेश की। इस मौके पर शहर काजी ललितपुर हाफिज अब्दुल मुबीन का इस्तकबाल किया गया।
कव्वालियों की महफिल सजी जिसका आगाज राहत चिश्ती एंड पार्टी ने हाथों से न छूटेगा गीता हो या कुरान पढ़कर किया व हिंदुस्तान जिंदाबाद नज्म पढ़कर समां बांध दिया। उन्होंने कलाम नाना मदीना हमसे छूट गया सुनाया जिसे सुनकर सामयीन भावविभोर हो गए। इसके बाद गजलें और साहिबे मजार की शान में झोली पड़ी गई, जिसको सुनकर श्रोता दाद दिए बिना नहीं रह सके। मजार पर जायरीनों का तांता लगा रहा सभी ने बाबा को चादर पेश करके मुल्क में अमन चैन की दुआ मांगी। कार्यक्रम का संचालन सहावेंद्र प्रताप सिंह व आमिर खान मंसूरी ने किया ।
ये रहे मौजूद
हाजी कलीम खां, हाजी सलीम अहमद, हाजी साबिर खां, हाजी मुबीन खां, इम्तियाज खां सदर महरौनी, इमाम राईन पूर्व सदर, नफीस खां, समद खान, नूरी भाई, प्रधान सुनवाहा रुपेश अहिरवार, प्रधान ऊमरी आशाराम अहिरवार, कृष्ण अवतार सिंह नन्हे राजा , लेखराम बगवार, राहुल गौतम, राजेश सिंघई , मयंक मिश्रा, घनेंद्र सिंह परमार शिक्षक, सतेंद्र रावत, प्रमोद श्रीवास्तव, सदर रक्षपाल सिंह, कोषाध्यक्ष सलमान मंसूरी, जीलानी मंसूरी, निजाम खां, सदर अख्तर पठान, रहीश ठेकेदार, हय्युल अहमद, अजीज खां मंसूरी, बब्लू शाह, कव्वाल रज्जाक जानी, शैलू शाह, फरीद खां, साबिर खां बागपुरा, साकिर खां कुक्कू, अंसार पठान आदि।