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उरई। रेप पीड़िता के पिता ने पुलिसिया कार्रवाई से तंग होकर सोमवार की सुबह घर के कमरे में लगे हुक से फंदा लगाकर जान देने के मामले में एसपी ईरज राजा ने मंगलवार को थाना प्रभारी व हल्का इंजार्च को निलंबित कर दिया साथ ही विभागीय जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि एट थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 40 वर्षीय युवक पत्नी के साथ पंजाब में रहता था। जबकि उसकी नाबालिग पुत्री दादी के साथ घर पर रह रही थी। 28 मार्च को गांव में एक समारोह में कोटरा थाना क्षेत्र के घुरट गांव निवासी लक्ष्मी देवी उसे अपने साथ ले गई, जहां पहले से मौजूद उरई कोतवाली क्षेत्र के वेदिका गेस्ट हाउस के पास निवासी गोलू उर्फ मानवेंद्र ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। आरोप था कि जब लक्ष्मी का पति देवेंद्र किशोरी को छोड़ने घर आया तो उसने रास्ते में किशोरी को धमकाया था जिससे उसने किसी को भी यह बात नहीं बताई, जिससे किशोरी गर्भवती हो गई थी। जानकारी पर लक्ष्मी ने उसे सभी को बताने की धमकी दी थी। जब पीड़िता का पिता 30 मई को परिवार सहित घर लौटा था तो उसने पूरी बात माता पिता को बताई थी। जिस पर 31 मई को किशोरी के साथ माता पिता थाने पहुंचे लेकिन उनकी थाने में नहीं सुनी गई थी। उल्टा पुलिस ने पीड़ित से समझौते का दबाव बनाया था। इसके बाद वह दो जून को परिवार सहित एसपी से मिले थे। तब कहीं जाकर मामला मुख्य आरोपी गोलू उर्फ मानवेंद्र , लक्ष्मी व उसके पति देवेंद्र के खिलाफ दुष्कर्म पॉक्सो एक्ट की धाराओं सहित मामला दर्ज किया था, परिजनों ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद पुलिस लगातार उसे परेशान कर रही थी।
पीड़ितों ने इस मामले को लेकर सीएम पोर्टल पर भी ट्वीट किया था। सोमवार को भी थाना प्रभारी ने उसे थाने में बुलाया और समझौते का दबाव बनाया। जब उसने इसका विरोध किया तो उसे धमकाते हुए किसी मुकदमें में फंसाने की बात कही थी। जिससे परेशान होकर उसने सोमवार की सुबह जान दे दी थी। इसके बाद मामला तूल पकड़ता देख एसपी ने चौबीस घंटे में कोंच सीओ शैलेंद्र कुमार वाजपेयी को जांच आख्या देने की बात कही थी। जांच रिपोर्ट में आरोप सही पाए जाने पर एसपी डॉ. ईरज राजा ने थाना प्रभारी नरेंद्र प्रताप गौतम व हल्का इंचार्ज अशोक कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
परिजन बोले सीओ के सामने बदलवा दी गई तहरीर
परिजनों ने बताया कि जब एसपी ने रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए तो पीड़ित परिवार सहित थाने पहुंचा वहां सीओ कोंच शैलेंद्र वाजपेई पहले से मौजूद थे। आरोप है कि उनके सामने ही थाना प्रभारी व हल्का इंचार्ज ने तहरीर बदल देने की बात कही। जिस पर उन्होंने इसका विरोध किया तो उन्होंने आगे झूठे मुकदमे में फंसाने की बात कही। परिजनों का कहना है कि सीओ पूरी बात को सुनते रहे लेकिन उन्होंने अधीनस्थों से कुछ नहीं कहा। जिससे परिजनों को तहरीर बदलनी पड़ी। इसके बाद पीड़ित के पिता को परेशान किया जाने लगा। जिससे आहत होकर उसने जान दे दी। उन्होंने कहा कि अगर गहनता से जांच कराई जाए तो कई लोग इसमें दोषी होंगे।
परिजनों से बोले सदर विधायक, हम आपके साथ
सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा मंगलवार को परिजनों से मिले और पूरी सहायता का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि सरकार व हम लोग आपके साथ हैं। इस घटनाक्रम में जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
सपा जिलाध्यक्ष भी पहुंचे पीड़ित के घर
सपा जिलाध्यक्ष दीपराज गुर्जर भी मंगलवार को कार्यकर्ताओं के साथ पीड़िता के घर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई करते हुए पीड़ित की मदद करे।
अखिलेश ने कसा तंज
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए दुष्कर्म के मामले में एट पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने व परेशान करने से आहत होकर जान देने के मामले में भाजपा सरकार को घेरते हुए प्रदेश को जंगलराज बताया।
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