इंदौर शहर में खेलों का मुख्य केंद्र बनने की क्षमता रखने वाला नेहरू स्टेडियम आज भी बुनियादी सुविधाओं को तरस रहा है। यहां पर 15 से अधिक खेलों के खिलाड़ी नियमित अभ्यास करते हैं लेकिन इसके बावजूद यहां पर सुविधाएं नहीं हैं। यदि जिम्मेदार यहां पर ठीक से ध्यान दें तो कई खिलाड़ी इंदौर से निकलकर दुनिया में अपना नाम चमका सकते हैं।
गौरव दिवस के आयोजन के बाद खिलाड़ियों के पैरों में चुभ रही कीलें
मनीष पेसर्स आर्मी के कोच मनीष गौड़ ने बताया कि कुछ दिन पहले ही यहां पर गौरव दिवस का एक आयोजन हुआ था। आयोजन के दौरान लगे स्टेज और टेंट की कीलें अभी तक खिलाड़ियों को चुभ रही हैं। आज भी दो से तीन खिलाड़ियों को रनिंग के दौरान कीलें यहां पर चुभी। जिम्मेदार यदि थोड़ा ध्यान दें तो खिलाड़ियों को इस तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बॉक्सिंग खिलाड़ियों के हाल तो बहुत ही खराब हैं। इंदौर जिला मुक्केबाजी संगठन के सचिव मोहन सिंह राठौर बताते हैं कि हम स्थायी जगह के लिए लंबे समय से मांग कर रहे हैं। खिलाड़ी बाहर खुले मैदान में शेड लगाकर अभ्यास करते हैं। यहां पर कभी लोग कचरा फेंक जाते हैं तो कभी किसी आयोजन का सामान पटक जाते हैं।
बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव
अमर उजाला ने जब खिलाड़ियों से बात की तो उन्होंने कहा कि यहां पर बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं। शहर के साथ आसपास के कई जिलों के खिलाड़ी यहां पर खेलने के लिए आते हैं लेकिन जिम्मेदारों का स्टेडियम की और कोई ध्यान नहीं है।
1. महिलाओं के लिए वाशरूम तक नहीं।
2. पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध नहीं।
3. खिलाड़ियों के बैठने के लिए शेड और छांव की व्यवस्था नहीं।
4. सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों का अभाव।
5. एरिना में होने वाले बॉक्सिंग जैसे खेल भी खुले में शेड बनाकर धूप में खेले जा रहे।
यह मुख्य खेल हैं यहां पर
बास्केटबाल, ताइक्वांडो, जूडो-कराते, क्रिकेट, फुटबाल, टेबल टेनिस, बॉक्सिंग, जिम, बैडमिंटन, टेनिस, रनिंग।