[ad_1]

Karam Dam- investigation incomplete, construction not even completed, work will be done by blacklisted company

कारम डैम का बांध पिछले साल तोडा गया थाा।
– फोटो : SOCIAL MEDIA

विस्तार

जिस डेम के बनने से करोड़ों लीटर वर्षाजल संग्रहित हो सकता था। हजारों हेक्टेयर खेती की जमीन पर सिंचाई हो सकती है। वो डैम 9 महीने बाद भी सरकार बनवा पाने में नाकाम रही। अब विभाग के मंत्री खुद बोल रहे है कि बांध बारिश का मौसम बितने के बाद ही बन पाएगा। कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अफसरों ने अधूरे डैम को ही भरने की अनुमति दे डाली थी अौर पिछले साल बांध मेें रिसाव होने के कारण उसे तोड़ना पड़ा था।

 

कारम बांध बनाने का ठेका 300 करोड़ में एएनएस कंपनी को दिया गया है। कंपनी का कर्ताधर्ता गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का करीबी है, इसलिए न तो कंपनी पर एफआईआर हुई और न ही उससे पैसा वसूला गया,जबकि डैम के फूटने की स्थिति में कई गांव डूब सकते थे। सरकार को डैम तोड़ने के लिए रास्ता बनाने में करोड़ रुपये खर्च करना पड़े थे। अफसर भी कंपनी के प्रति दरियादिली दिखाने में दो कदम  आगे निकले। निर्माण 75 प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ था और 90 प्रतिशत तक भुगतान कर दिया गया।

डैम फूटने के बाद जांच शुरू हुई थी, लेकिन वह पूरी नहीं हुई। गलती किसकी थी कौन जिम्मेदार है। यह तय नहीं हो पाया। बस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया। ज्यादा भुगतान करने के चक्कर में जल संसाधन विभाग अब दूसरी किसी कंपनी से ही काम नहीं करा सकती है, क्योकि ज्यादा भुगतान के मामले में लोकायुक्त केस का मामला बनता है, इसलिए बांध तोड़ने के लिए जिम्मेदार कंपनी से ही काम पूरा करना अफसरों की मजबूरी है, लेकिन कंपनी ने न तो वर्क प्लान विभाग को सौंपा और न ही काम शुरू किया।

 

बांध पूरा भरने में दिखाई जल्दबाजी, इसलिए टूटा

– नए डैम को कभी भी पूरा नहीं भरा जाता है और निकासी व्यवस्था रखी जाती है, लेकिन अफसरों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। बांध पूरी क्षमता से भर दिया गया। बांध मेें कोई गेेट भी नहीं थे, इसलिए पाल को पानी के दबाव ने कमजोर कर दिया।

– डैम बनाने के लिए मिट्टी की लेयर को मजबूत किया जाता है, लेकिन कारम बांध की दीवार के निर्माण में मिट्टी में पानी का अनुपात और उसे कम्पैक्ट करने में भी लापरवाही की गई।

-डैम की दीवार का निर्माण करते समय काली मिट्टी बीच मे डाली जाती हैं। इससे मिट्टी की पकड़ मजबूत होती हैं। पानी लीकेज भी नहीं होता है। फिर दोनों साइड पत्थर वाली मुरम डालते हैं। डैम में बड़े पत्थर डाले गए। दीवार को ठीक से पत्थरों से ठीक से कवर नहीं किया गया।

14 गांव कराने पड़े थे खाली

पिछले साल अगस्त माह में कारम डैम के टूटने का खतरा पैदा हो गया था। डैम से पानी का रिसाव शुरू होने के बाद सरकार हरकत में आई और बांध की डाउन स्ट्रीम के 15 गांवों को खाली कराया गया। इसके अलावा एबी रोड का ट्रैफिक भी घंटों तक रोका गया था। 14 अगस्त को डैम मेें बड़ा कट लगाकर पानी बहाया गया।

वर्षाकाल के बाद ही हो पाएगा काम

इस मामले में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि कारम डैम का निर्माण एक कमेेटी की देखरेख मेें किया जाएगा। कमेटी में केंद्र सरकार के अधिकारी भी शामिल है। काम ब्लैक लिस्टेड कंपनी से ही कराया जाएगा, लेकिन वर्षाकाल के बाद ही निर्माण हो पाएगा।

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *