[ad_1]

महाकाल लोक में आंधी से क्षतिग्रस्त मूर्तियों के मामले में सियासत जारी है। मंगलवार को कांग्रेस की जांच कमेटी ने महाकाल लोक का जायजा लिया।  निरीक्षण करने के बाद कहा कि इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार जरूर हुआ है। दूसरी ओर मूर्तियों को सुधारने के लिए सूरत से कारीगर भी पहुंच चुके हैं। 

उल्लेखनीय है कि रविवार दोपहर महाकाल की नगरी में चली भीषण आंधी के बाद महाकाल लोक में उस समय तांडव मच गया था। जब यहां लगी सप्तऋषि की 10 से 25 फीट की 6 प्रतिमाएं अपने स्थान से नीचे गिर कर टूट गई थीं। भारतीय जनता पार्टी जहां प्रतिमाओं के गिरने के का कारण प्राकृतिक आपदा बता रही थी तो वहीं कांग्रेस पार्टी हमलावर होकर इस पूरे मामले में हुए भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच करने की बात कह रही थी। 

 



मंगलवार को कांग्रेस की 7 सदस्यों की टीम द्वारा महाकाल लोक में किए गए निरीक्षण के साथ ही सूरत के कलाकारों द्वारा सप्तऋषि की प्रतिमाओं को फिर से ठीक किए जाने की जानकारी मिली। जब पड़ताल की गई तो पता चला कि श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा तीन दिनों मे जो प्रतिमाएं लगाने की बात कही गई थी उसे सही साबित करने और प्रतिमाओं को जल्द से जल्द लगाकर इस पूरे विवाद को खत्म करने के लिए अभी इन्हीं प्रतिमाओं को ठीक कर सप्तऋषि मंडल में फिर से लगाया जा रहा है। 

 


सूरत से आया 8 सदस्यों का दल 

रविवार को आए आंधी तूफान में सप्तऋषि की एक प्रतिमा की गर्दन टूट गई थी। जबकि दो प्रतिमाओं के हाथ अलग हो गए थे। इन प्रतिमाओं के साथ ही तीन अन्य प्रतिमाएं भी खराब हुई थी। उज्जैन जिला प्रशासन द्वारा सप्त ऋषियों की मूर्तियां महाकाल लोक के पीछे पार्किंग में रखवाई गई। जहां पर मंगलवार सुबह से इन मूर्तियों को पुनः सुधारने और अपना मूर्त रूप देने के लिए गुजरात के सूरत से 8 मूर्तिकारों का दल उज्जैन पहुंचा और सभी ने काम की शुरुआत की जोकि इन मूर्तियों को पुनः सुधारने में लगे हुए थे। 

 


जांच करने पहुंची कांग्रेस 

कांग्रेस ने इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और मध्यप्रदेश कांग्रेस ने मामले की जांच को लेकर कमेटी भी गठित की थी। जिसके सदस्य पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, घट्टिया विधायक रामलाल मालवीय, नागदा विधायक दिलीप गुर्जर, महिला नेत्री शोभा ओझा, तराना विधायक महेश परमार, बडनगर विधायक मुरली मोरवाल, कांग्रेस नेता के के मिश्रा मंगलवार को उज्जैन पहुंचे, जहां उन्होंने महाकाल लोक का निरीक्षण करने के बाद कहा कि इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार जरूर हुआ है। बताया जाता है कि यह जांच कमेटी जल्द ही एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर इससे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को अवगत कराएगी। 

 


किसी का रंग उड़ा तो कोई तेज हवा में हिलने लगती है 

जिला प्रशासन ने महाकाल लोक में गिरी सप्तऋषि की प्रतिमाओं को तो हटा दिया है, लेकिन महाकाल लोक में लगी कुछ अन्य प्रतिमाओं की स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं है। बताया जाता है कि त्रिपुरासुर संहार दृश्य की प्रतिमा के रथ मे दरारें पढ़ चुकी है। इसके साथ ही समुद्र मंथन के दृश्य की प्रतिमा भी तेज हवा में हिलने लगती हैं। इन मूर्तियों के साथ ही कमल सरोवर में लगी भगवान शिव की प्रतिमा और आसपास बनाए गए शेर की  मूर्तियों का तो जैसे रंग ही उड़ चुका है। 


[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *