
जेसीबी से मकान तोड़ते हुए
– फोटो : अमर उजाला
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उज्जैन नगर निगम की ओर से सड़क चौड़ीकरण के मामले में प्रभावित पीड़ितों को मुआवजा देकर ही कार्य शुरू किया जाए। बिना मुआवजा दिए जनता के मकान तोड़ना सीधा-सीधा कानून का उल्लंघन है और आतातायी, निर्दयी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का तुगलकी निर्णय है। अगर ऐसा किया गया तो कांग्रेस इसका विरोध करेगी और बिना मुआवजा दिए मकान तोड़ने नहीं देगी। यह बातें तराना विधायक महेश परमार ने कही।
जानकारी देते हुए कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विवेक गुप्ता एडवोकेट ने बताया कि मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम मे ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि बिना मुआवजा दिए किसी भी कार्य के लिए जनता की संपत्ति अधिग्रहित की जाए। इन मामलों से जुड़े कई दृष्टांत निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार को दिए गए हैं। इसके बावजूद भी नगर निगम उज्जैन ऐसा करता है तो सीधा-सीधा कानून का उल्लंघन होगा, ये उज्जैन की जनता के साथ धोखा है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार और उसके जनप्रतिनिधियों ने शहर का विकास अवरुद्ध कर रखा है।
कांग्रेस विधायक महेश परमार ने जिला कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त और संभागायुक्त को पत्र लिखकर मांग की है कि नगर निगम उज्जैन कानून के दायरे से बाहर नहीं है और कानून का ही उल्लंघन करने पर आमादा हैं। जनता को प्रभावितों को पीड़ितों को बिना मुआवजा दिए उनके मकान न तोड़े जाएं। अन्यथा जिला प्रशासन जन आक्रोश का सामना करने के लिए तैयार रहे। आगामी चुनाव में जनता भाजपा को कड़ा सबक सिखाएगी।
…तो पहले मुख्यमंत्री और जनप्रतिनिधियों के पोस्टर पर चढ़ेगा बुलडोजर
अगर इस विरोध प्रदर्शन के बावजूद भी बिना मुआवजा बाटे चौड़ीकरण किया जाता है तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव और विधायक पारस जैन के कालिख युक्त फोटो बुलडोजर के नीचे सड़कों पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध स्वरूप फेंके जाएंगे। पहले इन पोस्टरों पर बुलडोजर चलेगा, उसके बाद कार्रवाई होने देंगे।