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महान चित्रकार स्वर्गीय दीनानाथ भार्गव
– फोटो : न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर

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देश के नए संसद भवन में लगने जा रही अशोक स्तंभ की पहली प्रतिकृति का निर्माण इंदौर के दीनानाथ भार्गव ने किया था। देश का नया संसद भवन बनकर तैयार हो चुका है और इसका लोकार्पण कल रविवार 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। नए संसद भवन में भारतीय इतिहास से जुड़ी कई जरूरी चीजें रखी जाएंगी। इसमें राष्ट्रीय चिन्ह यानी कि अशोक स्तंभ की पहली प्रतिकृति भी शामिल है। इंदौर के महान चित्रकार स्वर्गीय दीनानाथ भार्गव ने संविधान के पहले पन्ने पर छपने वाली अशोक स्तंभ की पहली प्रतिकृति का निर्माण किया था। 

बेटे और बहू को नहीं मिला आमंत्रण

अशोक स्तंभ की प्रतिकृति संसद में रखे जाने पर उनके बेटा बहू बहुत खुश हैं। बेटे सौमित्र भार्गव और बहू ने कहा कि पिता ने इतिहास के लिए बहुत बड़ा काम किया जिस पर हमें हमेशा गौरव महसूस होता है। नए संसद भवन के ऊपर पूरी कलाकृति को हमारे संविधान के अशोक चिन्ह के रूप में अपनाया गया है। इसके साथ ही उसे एक नया रूप दिया गया है। यह हमारे देश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि हमें इसका निमंत्रण तो दूर हमें इसकी सूचना भी मीडिया के माध्यम से मिली है, लेकिन यह इंदौर ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है कि स्वर्गीय दीनानाथ भार्गव द्वारा निर्मित अशोक स्तंभ दुनिया के सबसे बड़े संविधान के मंदिर संसद भवन में लगने जा रहा है।

नए संसद भवन की कुछ खास बातें

त्रिकोण के आकर में बनाई गई नई संसद भवन की दिव्यता-भव्यता ने लोगों का दिल जीत लिया है। नया संसद भवन कई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत इस नए संसद भवन का निर्माण कराया गया है। इस बिल्डिंग को चर्चित आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने डिजाइन किया है। बिमल पटेल गुजरात के अहमदाबाद शहर से आते हैं. वो इससे पहले भी कई मशहूर इमारतों को डिजाइन कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में नई संसद की आधारशिला रखी थी। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने नए संसद भवन का निर्माण किया है। 



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