
माफिया सुधीर सिंह।(फाइल)
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गोरखपुर जिले के गीडा इलाके में माफिया सुधीर सिंह का सिक्का चलता है। इसपर भले कोई बोले नहीं, लेकिन हकीकत यही है कि उसके गुर्गे उद्योगपतियों, से ही नहीं ढाबे और दुकानदारों से भी हर महीने वसूली करते हैं। सुधीर गैंग के बदमाशों की गाड़ियां देखते ही तय रकम उस तक पहुंचा दी जाती है।
चुनाव के समय चंदा के नाम पर भी उसने वसूली की थी। हालांकि, बाद में उसकी पत्नी का पर्चा ही खारिज हो गया था। व्यापारियों का दबी जुबान कहना है कि उसके गुंडा टैक्स से परेशान होकर ही पान-मसाला के एक बड़े उद्योगपति ने अपने कारोबार को गोरखपुर से उखाड़कर कानपुर में जमा लिया।
यह उसके खौफ का ही असर था कि उद्योगपति ने इसकी कहीं शिकायत भी नहीं की। उद्योग जगत से जुड़े लोगों के बीच में यह संदेश पहुंचाया गया कि समझौता टूटने के साथ ही जीएसटी की वजह से यह बदलाव हुआ। अब एक बार फिर माफिया के जेल में जाने के बाद उद्योगपतियों के बीच चर्चा आम हो गई है कि लगता है, इसबार योगी सरकार उसे वास्तव में मिट्टी में मिलाकर ही रहेगी।