
शिक्षण व्यवस्था की खुली पोल
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दमोह में हटा ब्लॉक के नौ शासकीय स्कूलों का परीक्षा परिणाम शून्य रहा है। यहां एक भी छात्र पास नहीं हुआ, जिससे सरकारी शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है। कक्षा पांचवीं में प्राइवेट और शासकीय स्कूलों के 3,016 छात्रों ने भाग लिया था, जिसमें में से 2,067 बच्चे पास हुए। इसी तरह आठवीं कक्षा में 2,864 छात्रों ने परीक्षा में भाग लिया, जिसमें से 1,748 छात्र उत्रीर्ण हुए।
5वीं बोर्ड परीक्षा में छह प्राथमिक स्कूलों और आठवीं के तीन स्कूलों में एक भी बच्चा पास नहीं हुआ है। प्राथमिक स्कूल इमलिया से 10 छात्र, जामुनझिरिया से छह छात्र, रतनपुरा से छह छात्र, बालक स्कूल गैसाबाद से दो, पुरैना पटेल से दो, प्राथमिक कन्या शाला हटा आठ छात्र शामिल हुए थे और सभी फेल हो गए। इसी तरह माध्यमिक कन्या शाला हटा से छह छात्र, माध्यमिक स्कूल दमोतीपुरा से 29, माध्यमिक मदनपुरा से छह छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे और सभी फेल हुए।
सबसे खास बात यह है माध्यमिक कन्या स्कूल हटा में सात शिक्षक पदस्थ हैं और यहां पांचवीं और आठवीं से कुल 14 बच्चे बैठे थे, जिसमें से एक भी बच्चा पास नहीं हो पाया। यहां के शिक्षकों की लापरवाही पहली बार उजागर हुई है। यहां पर आएं दिन स्कूल बंद होना और शिक्षकों की गड़बड़ी की खबरें लगातार सामने आने के बाद भी विभागीय अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसका परिणाम आज सामने है।
11 स्कूल शिक्षक विहीन…
रजपुरा संकुल में 11 माध्यमिक स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है। एकीकृत माध्यमिक स्कूल कारीबरा में सौ से अधिक बच्चे दर्ज हैं, यह स्कूल शिक्षक विहीन है। एक ओर पर्याप्त स्टाफ है तो दूसरी ओर वनांचल में एक भी शिक्षक न होना विभाग की लापरवाही उजागर करता है।
शासन के द्वारा बच्चों को स्कूल से जोड़े रखने के लिए बड़े-बड़े अभियान चलाए जाने के अलावा मध्याह्न भोजन, छात्रवृत्ति, गणवेश सहित कई अन्य मनोरंजक कार्यक्रम चलाए जाते हैं। परीक्षा के पूर्व तैयारी के लिए जारी-निर्देशों के तहत बच्चों को स्कूल स्तर पर प्रश्न पत्रों का निर्माण कर उन्हें अभ्यास कराया जाना था, लेकिन एक भी विद्यार्थी का पास न होना इस तथ्य की स्पष्ट गवाही देता है कि पिछले साल का परीक्षा परिणाम किस तरह तैयार कर लिया जाता रहा होगा। इस बड़ी खामी के लिए केवल विद्यालय के प्रभारी एवं शिक्षक जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि इस रिजल्ट ने सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत पदस्थ बीएसी एवं जनशिक्षकों द्वारा की गई मॉनिटरिंग की पोल भी खोलकर रख दी है।
इस संबंध में बीआरसी हटा अजय कुमार राय का कहना है कि जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम शून्य आया है, उन स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों पर कार्रवाई करने कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश किए हैं। शासन स्तर पर सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षण व्यवस्था के लिए बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं के बाद भी बोर्ड पैटर्न पर ली गई परीक्षा में एक भी विद्यार्थी का उत्तीर्ण न होना शिक्षकों के द्वारा कराई गई पढ़ाई की पोल खोल रहा है।