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Damoh Park-gym built for railway employees-passengers occupied by beggars inaugurated four years ago

दमोह रेलवे स्टेशन
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

दमोह रेलवे स्टेशन के समीप पार्क के गेट पर ताला लगा हुआ है, जिससे आम आदमी अंदर भी नहीं जा सकता। लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए पार्क का लाभ आम लोगों को मिल सके इस ओर रेलवे के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे और एक-दूसरे की जिम्मेदारी होने का हवाला दे रहे हैं।

रेलवे के महाप्रबंधक के द्वारा चार साल पहले रेलवे स्टेशन परिसर में करोड़ों रुपये की राशि से निर्मित हुए भवन और पार्क का लोकार्पण किया गया था, जिसमें एक पार्क और ओपन जिम भी थी। लोकार्पण के कुछ दिन तक तो यहां सुबह-शाम आम लोगों के साथ रेलवे के अधिकारी और उनके बच्चे पार्क में डले झूले और ओपन जिम का लाभ लेने पहुंचे, लेकिन उसके बाद यहां गेट पर ताल डाल दिया गया, जिससे कोई भी व्यक्ति अंदर प्रवेश नहीं कर सका और धीरे-धीरे लोगों ने पार्क में जाना बंद कर दिया। यहां कई प्रकार के झूले और ओपन जिम में मशीने लगाई गई थी। ताकि बड़े और बच्चे पार्क में घूम सकें और जिम की मशीनों का उपयोग कर शरीर स्वस्थ बना सके, लेकिन यहां काफी समय से ताला लगा हुआ है।

ताला डला देख भिखारियों ने जमाया कब्जा…

पार्क और ओपन जिम में हर समय ताला डला रहता है, जिससे यहां आम लोगों की आवाजाही बंद हो गई और इसका फायदा भिखारियों ने उठाना शुरू कर दिया। उन्होंने पार्क के सामने झोपड़ी बना ली और पार्क के अंदर खाना बनाना, रहना और नहाना शुरू कर दिया। आज यहां दर्जनों झोपड़ियां बनी हुई हैं और पार्क में चारों ओर गंदगी फैली हुई है। इन भिखारियों के द्वारा यहां पर कपड़े सुखाए जा रहे हैं और खाना बनाकर गंदगी फैलाई जा रही है। यहां पार्क के अंदर टीन शेड लगे हुए हैं, जिसके नीचे यह दोपहर के समय बैठकर भोजन करते हैं और गंदगी फैलाते हैं और यदि कोई व्यक्ति पार्क के अंदर आना चाहे तो उसे मारने दौड़ते हैं और गंदी-गंदी गालियां देते हैं। आज हालत यह है कि जिम की मशीनों के पुर्जे उखाड़ दिए गए हैं और फिसल पट्टी और झूलों को तोड़ दिया गया है।

यह बोले जिम्मेदार…

पार्क में भिखारियों के कब्जे को लेकर दमोह स्टेशन प्रबंधक जेएस मीणा ने कहा कि इस पार्क को संचालित करने का जिम्मा आईओडब्लू विभाग का है। इस पार्क का निर्माण रेलवे के कर्मचारियों और यात्रियों के लिए किया गया था। वहीं, आईओडब्लू विभाग के भूपेंद्र सिंह का कहना है कि इन भिखारियों को हटाने का काम स्टेशन प्रबंधक और आरपीएफ पुलिस का है। अधिकारियों के द्वारा इस तरह से अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटने के कारण आम लोगों को पार्क और ओपन जिम की सुविधा नहीं मिल पा रही है।



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