
राजदंड
– फोटो : prayagraj
विस्तार
नए संसद भवन में स्पीकर की सीट के पास सेंगोल (राजदंड) को भी स्थापित किया जाएगा। इस पर सियासी बयानबाजी जारी है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य शक्ति सिंह गोहिल ने भोपाल में कहा कि भाजपा के तथ्य वॉट्सएप यूनिवर्सिटी के है। इस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पलटवार किया और कहा कि यह सेंगोल को फर्जी बताकर भारत की संस्कृति पर फिर आक्रमण कर रहे हैं।
कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने भोपाल में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हम जहां बैठते थे, वहां संविधान बना है। अब हम उसे छोड़ रहे है, जनता के पैसे जाए तो जाए, लेकिन मेरा (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का) नाम होना चाहिए। पार्लियामेंट में मेरी फोटो लगे। गोहिल ने आरोप लगाया कि हमारे देश की आदिवासी समाज से आने वाली राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के हाथों उद्घाटन नहीं होने दिया जा रहा। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर सेंगोल को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को सौंपने का प्रमाण नहीं होने का दावा किया था। इसे सही बताते हुए गोहिल ने कहा कि भाजपा वॉट्सएप यूनिवर्सिटी से तथ्य लेकर काम कर रही है।
गोहिल के आरोपों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि 28 मई को अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन को देश को समर्पित करेंगे। नए संसद भवन में सेंगोल को स्थापित किया जाएगा। इसके बारे में स्पष्ट है कि यह परंपरा न्यायपूर्ण और निष्पक्ष शासन की है। यह हमारे इतिहास की पहचान है। कांग्रेस का नेतृत्व देश के धर्म, अध्यात्म और संस्कृति पर आक्रमण करता आया है। एक बार फिर उन्होंने भारत की संस्कृति पर आक्रमण किया है।
देश से माफी मांगे कांग्रेस
शर्मा ने कहा कि देश में भारतीय परंपरा और भारत के बढ़ते मान-सम्मान से कांग्रेस को इतनी नफरत क्यों है? यह भारत की 140 करोड़ जनता आज जानना चाहती है। कांग्रेस सेंगोल को फर्जी बता रही है। यह भारत की लोकतांत्रिक आजादी का प्रतीक है। हमारे स्वर्णिम इतिहास का विशिष्ट अंग है। मजबूत और समृद्ध राष्ट्र निर्माण के संकल्प का प्रतीक है। कांग्रेस को इस बात के लिए इस देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। देश के एक प्रतिष्ठित मठ ने नेहरू जी को यह सौंपा था, उसे भी कांग्रेस फर्जी बता रही है।
क्या है सेंगोल
प्राचीन भारत में राजा सेंगोल यानी राजदंड एक प्रतीकात्मक छड़ी रखते थे। ऐसा माना जाता है कि यह जिसके पास भी होती है, उस राज्य का शासन उसके आदेश से ही चलता है। इस छड़ी के ऊपर भगवान शिव के वाहन नंदी को बनाया गया है। थोड़े नीचे दो ध्वज हैं। भाजपा का दावा है कि भारत की आजादी के समय यह सेंगोल सत्ता हस्तांतरण के रूप में ब्रिटिश सरकार ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिया था। बाद में इसे प्रयागराज के म्यूजियम में रखा गया था। कांग्रेस इस दावे को फर्जी बता रही है।