
देवास की आयशा और आलीराजपुर की आयशा
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मध्यप्रदेश की दो युवतियों के यूपीएससी के 184वीं रैंक पर दावा करने के मामले का पटाक्षेप हो गया है। देवास की आयशा फातिमा को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से सही बताते हुए आलीराजपुर वाली आयशा का दावा झूठा बताया गया है। आयोग की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है और बताया है कि आयशा मकरानी ने अपने दावों को साबित करने के लिए अपने पक्ष में जाली दस्तावेज बनाए हैं। बता दें कि अमर उजाला ही मामले को सबसे पहले सामने लाया था और पड़ताल में आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड की गलतियां बताई थीं।
बता दें कि मंगलवार को यूपीएससी के परिणाम आए थे, जिसमें मध्यप्रदेश की दो आयशा ने 184वीं रैंक पर अपना सिलेक्शन का दावा किया था। मामले में शुक्रवार शाम को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है। इसमें बताया गया है कि यूपीएससी के संज्ञान में आया है कि 184वीं रैंक पर फर्जी तरीके से दावा किया जा रहा था। यह दावा झूठा है। दावेदार ने अपने दावों को साबित करने के लिए अपने पक्ष में जाली दस्तावेज बनाए हैं। यूपीएससी का सिस्टम मजबूत होने के साथ-साथ फुलप्रूफ भी है और ऐसी त्रुटियां संभव नहीं हैं।