class="post-template-default single single-post postid-4046 single-format-standard wp-custom-logo wp-embed-responsive jps-theme-newsup ta-hide-date-author-in-list" >


result deteriorated, student jumped into the well in Chhindwara, other student hanged himself in Shahdol

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

मध्यप्रदेश में 10वीं-12वीं बोर्ड के रिजल्ट घोषित हो गए हैं, पर जिन बच्चों के रिजल्ट बिगड़ गए हैं, वे गलत कदम उठाने लगे हैं। 12वीं में सप्लीमेंट्री आने पर छात्रा कुएं में कूद गई तो फेल होने पर शहडोल के छात्र ने फांसी लगा ली। दोनों की मौत हो गई। पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है। 

जानकारी के मुताबिक पहला मामला छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा के सालीवाड़ा से सामने आया है। गुरुवार को कक्षा 12 का रिजल्ट जारी हुआ जिसमें दो विषय में सप्लीमेंट्री आने के बाद एक बच्ची ने कुएं में कूदकर जान दे दी। अनामिका धुर्वे पिता बेलु धुर्वे (17) कक्षा 12 की छात्रा थी। इस साल उसने परीक्षा दी थी, लेकिन परीक्षा परिणाम में उसे दो विषय में सप्लीमेंट्री आ गई। सप्लीमेंट्री आने के बाद वह काफी दुखी थी, वहीं शुक्रवार दोपहर अचानक वह घर से कहीं चली गई। जब काफी देर तक वह वापस नहीं लौटी तो उसके परिजनों ने उसको ढूढना शुरू किया तो घर के पीछे के कुएं के पास उसकी चप्पल और चुनरी पड़ी हुई थी, जिसके बाद परिजनों ने कुएं में देखा तो अनामिका का शव उतरा रहा था। पुलिस ने सूचना मिलते ही अनामिका के शव को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। 

पिता बोले- मैंने कहा था, टेंशन मत ले, फिर कर लेंगे पढ़ाई

इस मामले में मृतिका के पिता काफी दुखी हैं, उन्होंने बताया कि उनकी बेटी रिजल्ट आने के बाद टेंशन में थी। उन्होंने उसको काफी समझाया और यहां तक कह दिया था कि वह टेंशन ना ले। अचानक वह सहेली के घर जाने के लिए निकली और काफी देर तक जब वापस नहीं आई तो उसकी तलाश शुरू की गई, और बिटिया का शव कुएं में उतराता मिला।

शहडोल में छात्र ने दी जान

शहडोल जिले के सीधी थाना क्षेत्र के लपरी गांव में एक 12वीं का छात्र 12वीं में फेल हो गया। उसने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। पुलिस ने मामले पर मर्ग कायम कर जांच शुरू की है। सहायक उप निरीक्षक नागेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि 17 वर्षीय अर्पित तिवारी सीधी थाना क्षेत्र के लपरी गांव का रहने वाला था, अर्पित अपने परिवार के साथ चाचा के घर में एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचा था। उसी दौरान बारहवीं बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट आए और उसे इस बात की जानकारी लग गई कि वह एग्जाम में फेल हो गया है। जिससे वह हताश हो गया और चाचा के घर से अपने घर चला गया। उस वक्त अर्पित घर में अकेला था, घर के सभी सदस्य चाचा के घर में कार्यक्रम में थे। अर्पित ने घर में फांसी लगा ली। कुछ देर बाद जब अर्पित चाचा के घर वापस नहीं लौटा तो परिवार के सदस्य घर पहुंचे। जैसे तैसे दरवाजा खोला तो अर्पित फंदे पर लटकता मिला। मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस का कहना है कि 12वीं बोर्ड एग्जाम में फेल होने की वजह से किशोर ने फांसी लगा ली और अपनी जीवन लीला समाप्त कर लिया पुलिस मामले की जांच कर रही है।

कोई परीक्षा आखिरी नहीं

मामले में मनोरोग विशेषज्ञ मनीष जैैन का कहना है कि कोई भी परीक्षा जीवन की आखिरी परीक्षा नहीं होती। बच्चों को यह समझना चाहिए कि पहले प्रयास में अफसल हुए। उससे सबक लेकर फिर दूसरी परीक्षा की तैयारी करना चाहिए। फेल होने से तो सीखा जाता है। जिंदगी नहीं हारी जाती। सचिन तेंदुलकर, बिल गेट्स ज्यादा पढ़ाकू नहीं थे, लेकिन उन्होंने दूसरी योग्यता को उभारा। माता-पिता की भी बच्चों के रिजल्ट को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए। पढ़ाई में औसत रहने वाले भी जिंदगी में बेहद सफल होते हैं।

 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबरें