संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। जिला अस्पताल के हृदय रोग विभाग में दिल के रोगियों के लिए सभी तरह की सुविधाएं हैं। लेकिन अस्पताल प्रबंधन की निगरानी नहीं होने के कारण पिछले छह महीने बीत जाने के बाद भी अस्पताल में एक भी मरीज भर्ती नहीं किया गया है। अस्पताल में गंभीर अवस्था में आने वाले मरीजों को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है।
जिला अस्पताल की ओपीडी में जिले भर से रोजाना तकरीबन 1500 मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। जिनमें लगभग सौ मरीज हृदय रोग संबंधी इलाज कराने के लिए आते हैं। हृदय रोगियों के लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर पूरी इमारत को ही आरक्षित किया गया है। जिसमें दो वार्डों के साथ ही डॉक्टर और कर्मचारियों के कक्ष बने हुए हैं। सेंटर में दो नर्स, एक वार्ड ब्वाय और एक डॉक्टर की नियमित ड्यूटी भी लगाई गई है। इसके अलावा हर वार्ड में चार पलंग, ईसीजी की सुविधा, टीएमटी, कार्डियोमॉनिटर सहित कई सुविधाएं हैं। अस्पताल की ओपीडी में हृदय रोगियों को परामर्श तो दिया जाता है। लेकिन हैरत की बात यह है कि पिछले छह महीने से अस्पताल के वार्ड में किसी भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया है। अस्पताल कर्मचारियों के मुताबिक गंभीर होने पर मरीज को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है।
मंडलीय प्रमुख अधीक्षक डॉ. प्रमोद कटियार ने बताया कि अस्पताल के हृदय रोग केंद्र में सभी सुविधाएं हैं। गंभीर अवस्था में आने वाले मरीजों को भर्ती करने के निर्देश भी दिए गए हैं। तीन दिन के भीतर ही व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था को शुरू कर दिया जाएगा।