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संवाद न्यूज एजेंसी

उरई।

भीषण गर्मी में महिला अस्पताल में लगे एसी दगा दे गए हैं। हालत यह है कि मरीजों के लिए ठंडी हवा का इंतजाम करने के लिए मरीजों के तीमारदार घर और बाजार से पंखे और कूलर लगाकर काम चला रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी प्रसूता महिलाओं को हो रही है। नवजात को ठंडक में रखने के लिए पंखे, कूलर घर से लाकर काम चला रहे है। वैसे तो पूरा जिला भीषण गर्मी से परेशान है लेकिन जिला अस्पताल के प्रसूता महिला वार्ड की स्थिति बहुत खराब है। गर्मी के कारण जच्चा और बच्चा परेशान हो रहे हैं। जब इस टीम ने अस्पताल की स्थिति देखी तो वार्डों में लोग गर्मी से बेहाल दिखे। मरीज तो वार्ड में भर्ती है लेकिन उनके तीमारदारों की स्थिति भी ठीक नहीं है। वह गर्मी से बचाव के लिए बरामदे, पेड़ के नीचे बैठकर किसी तरह गर्मी से बचाव की जुगत करते दिख रहे हैं। वहीं सीएमएस डॉ. सुनीता बनौधा का कहना है कि वार्ड में एसी लगाए गए है लेकिन भीषण गर्मी में कई एसी काम नहीं कर रहे हैं।

केस-1-ग्राम बिनौरा निवासी अवनीश ने बताया कि उनकी पत्नी की मंगलवार को डिलीवरी हुई थी। डिलीवरी के बाद वार्ड में भर्ती कर दिया गया। यहां पर एसी तो लगा था, लेेकिन वह काम नहीं कर रहा था। मजबूरी में घर से कूलर लाए और लगाया, तब जाकर सुकून मिला। इस वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों का गर्मी से हाल बेहाल रहा।

केस-2-कदौरा की रजनी ने बताया कि उनकी पांच पहले दिन डिलीवरी हुई थी। यहां पर इतनी ज्यादा तपन हो रही है कि हाल बेहाल है। सबसे ज्यादा दिक्कत नवजात को हो रही है। बच्चा रात भर गर्मी के कारण रोता रहा। मजबूरी में उन्होंने अपने घरवालों से पंखे का इंतजाम करने कहा। घरवाले बाजार से फर्राटा फैन खरीदकर लाए। तब जाकर आराम मिला।

केस-3-शहर के मोहल्ला पटेलनगर निवासी वर्षा ने बताया कि वह वार्ड नंबर एक में छह दिन से भर्ती है। दिन हो या रात, भीषण गर्मी के कारण हाल बेहाल है। नवजात और खुद को गर्मी से बचाने के लिए घर वालों से दो पंखे मंगाए हैं, जिसमें एक में वह खुद और दूसरा नवजात के लिए लगाया है। इस भीषण गर्मी में बहुत दिक्कत हो रही है।

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