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दसवीं में इंदौर के मृदुल हरिशंकर पाल ने 98.8% प्रतिशत अंकों के साथ प्रदेश में टॉप किया है। मृदुल नंदानगर पिंक फ्लावर स्कूल के स्टूडेंट हैं। मृदुल बेहद सामान्य परिवार से हैं और उन्होंने बिना किसी कोचिंग और पारिवारिक पृष्ठभूमि के यह सफलता अर्जित कर अपने परिवार का नाम रोशन किया है। मृदुल की मां उर्मिला पाल घर चलाने के लिए सिलाई करती हैं और पिता हरीश पाल यशवंत क्लब के स्वीमिंग पुल के इंचार्ज है। मृदुल अभी अपने परिजन और मित्रों के साथ उत्तर प्रदेश में घूमने गए हैं। मृदुल की मां ने बताया कि मृदुल ने बिना किसी कोचिंग के पढ़ाई की और सालभर लगातार मेहनत की। कभी घर में शादी हो या कोई भी अन्य कार्यक्रम मृदुल सबके बीच अपनी पढ़ाई पर पूरा फोकस करता था। पिता हरीश ने बताया कि मृदुल का एक बड़ा भाई भी है और दोनों पढ़ाई के लिए पूरी तरह से गंभीर रहते हैं। हमने जीवन में कई संघर्ष किए लेकिन आज मृदुल ने टाप करके हमारी मेहनत को सफल कर दिया। 

 



भले ही कम समय पढ़ें पर स्ट्रेस फ्री होकर पढ़ें

स्टेट की दूसरी टापर प्राची गड़वाल भी मृदुल के ही स्कूल से हैं। उन्हें 98.6% अंक प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि स्टडी पर उन्होंने सालभर फोकस किया और पूरी प्लानिंग के साथ पढ़ाई की। मैंने भी कभी कोचिंग नहीं लगाई। मैं रोज चार से लेकर आठ घंटे तक पढ़ाई करती थी। मुझे टीचर और स्कूल का भी बहुत सपोर्ट रहा। मैं सभी बच्चों से बस यही कहना चाहती हूं कि जितना भी पढ़ें स्ट्रेस फ्री होकर पढ़ें। यदि आपके दिमाग में पढ़ाई के समय कुछ और चलता रहेगा तो आप जो भी पढ़ रहे हैं वह आपको याद नहीं रहेगा। मां प्रीति गड़वाल ने कहा कि बेटी ने आज हमारा नाम रोशन कर दिया। हमें उस पर आज बहुत गर्व महसूस हो रहा है। पिता हुकुमचंद गड़वाल ने कहा कि हमें गर्व है कि हम प्राची जैसी बेटी के माता पिता हैं। 


कोविड में भी बच्चों को परीक्षा देने स्कूल बुलाया, उसका परिणाम आज दिख रहा

पिंक फ्लावर स्कूल के प्राचार्य हिमांशु सोनी ने बताया कि कोविड के समय में भी हमने घरों से आनलाइन परीक्षा नहीं ली। इस तरह की परीक्षा में बच्चों को घर पर किताब खोलकर परीक्षा देने का मौका मिल रहा था। हमने पूरे नियमों और सुरक्षा के साथ बच्चों को स्कूल में परीक्षा दिलाई। इसका परिणाम यह रहा कि कोविड में भी उन्होंने दो साल कड़ी मेहनत करके परीक्षा पास की और उन्हें नकल करने की आदत नहीं लगी। इसी वजह से आज हमारे स्कूल के दोनों बच्चों ने स्टेट लेवल पर 10वीं के रिजल्ट में टाप किया है। 




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