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अमर उजाला से बातचीत में अरविंद गुप्ता ने कई विषयों पर बात की
– फोटो : न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर

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मप्र में प्रापर्टी बाजार में निवेश करने वाली कंपनियों को बहुत परेशानी आ रही है। यहां पर 20 दिन में मिलने वाली अनुमतियां एक साल में भी नहीं मिल पाती हैं। हम प्रशासन को इस बात से अवगत करवा चुके हैं और उम्मीद है कि जल्द ही इन विषयों पर काम होगा। यह बात एनएआर (नेशनल एसोसिएशन आफ रियल्टर्स) इंडिया में सेंट्रल जोन के डायरेक्टर अरविंद गुप्ता ने अमर उजाला से विशेष बातचीत में कही। वे इंदौर रियल्टर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी हैं। इंदौर में एनएआर इंडिया ने देशभर के प्रापर्टी ब्रोकर्स के लिए नेशनल इवेंट आयोजित किया है। इसमें देश और दुनिया की तमाम निवेशक कंपनियां इंदौर पहुंची हैं। 

अमर उजाला से बातचीत में अरविंद गुप्ता ने कई विषयों पर बात की। उन्होंने कहा कि मप्र में प्रापर्टी का कारोबार करने वाली कंपनियों को कई तरह की परेशानियां आ रही है। आज भी यहां पर सिंगल विंडो सिस्टम नहीं बन पाया है। कई विभाग हैं और निवेशकों को हर जगह अलग अलग चक्कर काटना पड़ते हैं। एक सिंगल विंडो होना चाहिए जहां पर सभी अनुमतियां एक साथ मिल सकें। 

प्रापर्टी की कीमत गाइडलाइन से कई गुना अधिक, इस वजह से लोन नहीं मिल रहा

गुप्ता ने कहा कि दूसरी सबसे बड़ी परेशानी मप्र में प्रापर्टी गाइडलाइन की है। यहां पर प्रापर्टी की कीमत गाइडलाइन से कई गुना अधिक होती है। इस वजह से मध्यमवर्गीय परिवारों को प्रापर्टी के दाम के अनुसार लोन नहीं मिल पाता। इससे वे मकान नहीं बना पाते और प्रापर्टी भी नहीं खरीद पाते। गाइडलाइन में अधिक अंतर होने से निवेशकों को भी प्रोजेक्ट लाने में परेशानी होती है। 

इंदौर दुनियाभर के निवेशकों को आकर्षित कर रहा

गुप्ता ने कहा कि इंदौर दुनियाभर के निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। यहां पर विदेशों से कंपनियां आकर निवेश कर रही हैं। सरकार और प्रशासन कुछ बुनियादी सुधारों पर ध्यान देगा तो इस निवेश में और भी अधिक तेजी आएगी। 



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