मृदा परीक्षण में जनपद में कृषि भूमि में जीवांश कार्बन की पाई गई कमी
भूमि में पोटाश की है अधिकता, फॉस्फेट व नाइट्रोजन की कमी
रविशंकर सेन
ललितपुर। जनपद के खेतों की माटी बीमार होती जा रही है। इसका खुलासा मृदा परीक्षण से सामने आया है। कृषि भूमि में जीवांश कार्बन, नाइट्रोजन, फास्फेट की कमी है, तो वहीं पोटाश मात्रा अधिक है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान अपने खेत की मृदा का परीक्षण कराकर जरूरत के अनुसार खाद का प्रयोग करें अन्यथा इसका असर फसल उत्पादन पर पड़ सकता है। कृषि विभाग की भूमि परीक्षण प्रयोगशाला में वर्तमान में ब्लॉकों से मंगाए गए 4006 नमूनों का परीक्षण चल रहा है।
कृषि भूमि का मृदा परीक्षण जनपद में 12 बिन्दुओं पर होता है, जिसमें जनपद के तालबेहट व बार विकास खंड की कृषि योग्य भूमि में जीवांश कार्बन, नाइट्रोजन व फॉस्फेट काफी कम मात्रा मौजूद है। वहीं जखौरा में फॉस्फेट की मात्रा अति न्यून है। ब्लॉक में बिरधा, महरौनी व मड़ावरा में इन तत्वों की मात्रा कम तो है, लेकिन मानक से अधिक कम नहीं है। वहीं पोटाश की मात्रा पूरे जनपद में अधिक होने के कारण यहां भूमि में पोटेशियम वाले रसायनों के प्रयोग सलाह नहीं जाती है।
भूमि की उर्वरकता सुधार के लिए किसानों को रसायनिक खाद के कम प्रयोग की सलाह दी जाती है। भूमि में जीवांश कार्बन, नाइट्रोजन व फॉस्फेट की कमी को पूरा करने के लिए गोबर खाद के प्रयोग की सलाह दी जाती है।
जनपद में कृषि भूमि का मृदा परीक्षण वर्ष 2019 में कराया गया था। इसके बाद से कोरोना काल में मृदा परीक्षण का कार्य नहीं हुआ है। मृदा परीक्षण के दौरान पाया गया है, कि जनपद में कार्बन की मात्रा सामान्य है, साथ ही जिंक मध्यम मात्रा है। बाकी अन्य तत्व सामान्य स्थिति में मौजूद हैं।
पोषक तत्व तालबेहट बार जखौरा बिरधा महरौनी मड़ावरा
जीवांश कार्बन अतिन्यून अतिन्यून न्यून न्यून न्यून न्यून
नाइट्रोजन अतिन्यून अतिन्यून न्यून न्यून न्यून न्यून
फास्फेट अतिन्यून अतिन्यून अतिन्यून न्यून न्यून न्यून
पोटाश उच्च उच्च उच्च उच्च उच्च उच्च
पीएच सामान्य सामान्य सामान्य सामान्य सामान्य सामान्य
ईसी सामान्य सामान्य सामान्य सामान्य सामान्य सामान्य
जिंक मध्यम मध्यम न्यून न्यून मध्यम मध्यम
लोहा मध्यम मध्यम उच्च मध्यम उच्च उच्च
मैग्नीज उच्च उच्च न्यून मध्यम न्यून न्यून
तांबा उच्च उच्च न्यून उच्च मध्यम मध्यम
गंधक मध्यम मध्यम उच्च मध्यम उच्चउच्च
बोरोन उच्च मध्यम मध्यम उच्च मध्यम मध्यम
किसान नहीं दिखा रहे मृदा परीक्षण में रुचि
मृदा परीक्षण के लिए किसान रुचि नहीं ले रहे। सरकारी योजना के तहत जब गांवों का चयन किया जाता है, तो उन्हीं गांव का मृदा परीक्षण कराया जाता है। कोरोना काल के दौरान विगत तीन वर्षों में सिर्फ 12-15 किसान की स्वयं मृदा परीक्षण के लिए पहुंचे, उनमें अधिकांश वही किसान थे, जिन्हें कृषि विभाग की किसी योजना में मृदा स्वास्थ्य परीक्षण के प्रमाणपत्र की आवश्यकता हो। जबकि जनपदीय भूमि परीक्षण प्रयोगशाला में सिर्फ 102 रुपये शुल्क में मृदा परीक्षण किया जाता है।
इन गांवों में चल रहा है मृदा परीक्षण
जनपद के विकास खंड जखौरा के बदनपुरा, मसौराकलां, विकास खंड बिरधा के धोवनखेरी, बरौद, विकास खंड महरौनी के भदौरा, सडकौरा, विकास खंड मड़ावरा के बगौनी मकरीपुर, विकास खंड बार के बरकलां, पूराधनकुआं, तालबेहट के हिंगौरा, शाहपुरा में यह मृदा परीक्षण किया जा रहा है।
जनपद में मृदा परीक्षण के दौरान पाया गया है कि यहां की भूमि में पोटाश की मात्रा अधिक है। वहीं, अन्य कई पोषक तत्वों की कमी भी है, किसानों को रसायनिक खादों का प्रयोग कम करने सलाह दी जा रही है। गोबर की खाद से पोषक तत्वों की पूर्ति की जा सकती है। -गिरजेश यादव, अध्यक्ष जनपदीय भूमि परीक्षण प्रयोगशाला।