ई-स्टांप के चलन के बाद उपयोग ही नहीं किए गए, नहीं हो रही बिक्री
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। ई-स्टांप के चलन में आने बाद से भारत सरकार द्वारा छापे गए पुराने स्टांप की बिक्री नहीं हो रही। हालांकि यह चलन से बाहर नहीं हुए हैं। लेकिन, लोग बैनामा व अन्य खरीद फरोख्त में पुराने स्टांप का उपयोग नहीं कर रहे। ऐसे में कोषागार में 6 करोड़ 40 लाख रुपये के पुराने स्टांप अलमारी में बंद पड़े हैं।
जुलाई 2013 में ई-स्टांप की सुविधा प्रारंभ की गई थी। जनवरी 2020 से पुराने स्टांप पेपर का चलन बंद करते हुए ई-स्टांप प्रारंभ किया गया। हालांकि सरकार ने स्टॉक समाप्ति तक पुराने स्टांप का चलन प्रारंभ रखा था। लेकिन, ई-स्टांप के आने बाद से पुराने स्टांप का उपयोग बंद होने लगा। जिसके चलते अभी तक जिला कोषागार में 6 करोड़ 40 लाख रुपये कीमत के स्टांप पेपर रखे हुए हैं। इनमें 10 रुपये से लेकर 25 हजार रुपये कीमत के स्टांप शामिल हैं। वर्तमान में स्टांप छपाई भले ही बंद हो गई हो, लेकिन इन पुराने स्टांप की बिक्री करने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं।
यह है मौजूदा स्टांप की स्थिति
स्टांप मात्रा धनराशि
10 1042 10420
50 29551 1477550
100 1263 126300
500 695 347500
1000 1079 1079000
10000 763 7630000
15000 966 14490000
20000 912 18240000
25000 824 20600000
वित्त एवं राजस्व में अपर जिलाधिकारी गुलशन कुमार ने बताया कि पुराने स्टांप की बिक्री के लिए रजिस्ट्री लेखक व स्टांप वेंडरों को प्रेरित किया जा रहा है। ताकि वह छोटे बैनामों व एग्रीमेंट में इन स्टांपों का प्रयोग करें और पुराने स्टांप समाप्त हो सके।