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Collector said - Indore has to come number one for the seventh time, but seeing the plastic flying, the heart

पर्यावरण जागरुकता को लेकर कार्यशाला।
– फोटो : amar ujala digital

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पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के मिशन लाइफ थीम पर मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक कार्यशाला आयोजित की । जिसमें कलेक्टर इलैयाराजा टी ने कहा कि इंदौर की सड़कों पर प्लास्टिक उड़ते देखता हूँ तो दिल धड़कता है, क्योकि हमें सातवीं बार स्वच्छता में नम्बर वन आना है। ऐसा दृश्य नजर नहीं आना चाहिए।

कलेक्टर ने कहा कि प्लास्टिक एक अद्भुत अविष्कार है। उसने लाइफ को आसान बना दिया, लेकिन उसका उपयोग वहां भी हो रहा है, जहां उसकी जरुरत नहीं है। प्लास्टिक का इस्तेमााल करना आसान है, लेकिन उसका निपटान करना मुश्किल है। कई वर्षों तक प्लास्टिक खत्म नहीं होता। उन्होंने कहा कि

मैं यहाँ सिंगल यूज प्लास्टिक पर भाषण दे रहा हूँ,लेकिन घर जाकर उसका यूज करूँ, तो इससे बदलाव अाने वाला नहीं है। हमें अपनी आदतों में बदलाव करना होगा।

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि इंदौर में कचरे के रीयूज के लिए कई प्रयोग हो रहे है। हर जोन में सेंटर बनाए जा रहे है। हमें जैविक खाद को भी बढ़ावा देना चाहिए। पंजाब में भी गेहूं का उत्पादन होता है, लेकिन वहां के लोग मध्य प्रदेश का गेहूं खाते है, क्योकि पंजाब की मिट्टी रासायनिक कीटनाशकों के ज्यादा उपयोग की वजह से बीमारी बढ़ा रही है। पंजाब में सबसे ज्यादा कैंसर के मरीज है।

जीएसआईटीएस के डायरेक्टर राकेश सक्सेना ने कहा कि प्रदूषण से जुड़े नियम हम उधोगों, व्यापारियों पर तो लागू कर सकते है, लेकिन जनता को नियमों में नहीं बांधा जा सकता है। जनता के बीच प्रदूषण कम करने के लिए जागरुकता जरुरी है। कार्यशाला में अलग-अलग सत्रों में विशेषज्ञों ने अपनी बात रखी।

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