
इंदौर मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट के लिए नर्मदा नदी में सर्वे।
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निमाड़ क्षेेत्र के विकास की नई इबारत लिखने वाले इंदौर-मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट का फाइनल र्लोकेशन सर्वे शुरू हो गया है। यह काम पुणे की एक कंपनी को दिया गया हैै। डेढ़ माह में कंपनी को महाराष्ट्र के नरडाणा से लेकर खलघाट तक सर्वे पूरा करना है। इस परियोजना में नर्मदा नदी पर रेलवे ब्रिज बनना है। इसके लिए नदी के भीतर उपकरणों के जरिए सर्वे किया जा रहा है। नदी के भीतर मिट्टी परीक्षण किया जा रहा है।
सर्वे करने वाली टीम ने बताया कि नदी के तल से 20 फीट नीचे तक के हिस्से में सर्वे किया जा रहा है। तल के 20 फीट के बाद चट्टानें है। इस सर्वे के हिसाब से पिलरों की डिजाइन तैयार होगी। इसके अलावा मालीपुरा और भरुडपुरा गांव में सर्वे दूसरी टीम कर रही है। इस गांव में ढाई किलोमीटर लंबाई में सुरंग बनेेगी। उसके लिए भी टीम पत्थरों का परीक्षण कर रही है।
इंदौर-मनमाड़ रेल संघर्ष समिति प्रमुख मनोज मराठे ने बताया कि हमारी समिति लंबे समय से इस प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने की मांग कर रही है। अब फायनल लोकेशन सर्वे शुरू हो गया है। इसके बाद भूमि अधिगृहण का सर्वे होगा। फिलहाल जो टीम सर्वे करने महाराष्ट्र से आई है वह नर्मदा नदी पर पुल पुलिया और सुरंग का सर्वे भी कर रही है।
नर्मदा नदी पर 25 पिलरों के निर्माण के लिए सर्वे हो रहा है। यह सर्वे दस दिनों तक चलेगा। नर्मदा नदी से पहले ताप्ती नदी पर यह टीम सर्वे कर चुकी है। डेढ़ माह बाद सर्वे रिपोर्ट कंपनी की तरफ से रेल विभाग को सौंपी जाएगी।
मनमाड़ तक रेल लाइन बिछने के बाद कम हो जाएगी मुबंई की दूरी
इंदौर से मनमाड़ तक रेल लाइन बिछने से इंदौर से मुबंई जाना और भी आसान हो जाएगा। अभी इंदौर से रतलाम, मेघनगर,दाहोद, गोधरा, बड़ौदा, सूरत, नवसारी होते हुए मुबंई तक रेल रुट है। नए रेल मार्ग से इंदौर से खलघाट, सेंधवा मालेगांव, मनमाड़ होते हुए रेल गाडि़यां, मुबंई, पुणे व महाराष्ट्र के अन्य शहरों जा सकेगी।
अभी इंदौर से मुबंई जाने में बारह से पंद्रह घंटे रेलगाड़ी से लगते है। इंदौर-मनमाड़ परियोजना का काम पूरा करने के बाद यह दूरी आठ से दस घंटे में तय हो जाएगी। इस साल के रेल बजट में सर्वे केे लिए दो करोड़ रुपये इस परियोजना के लिए रखे गए थेे। अगले साल अन्य सर्वे शुरू होंगे तो बजट बढ़ाया जा सकता है।