Saint Kamal Muni Kamlesh will come to Ujjain on May 30

राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश
– फोटो : Amar Ujala Digital

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महाकाल की नगरी को कत्लखानों से मुक्त कराने को पुख्ता ताकत देने वाले क्रांतिकारी राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश लगभग आठ वर्षों बाद 30 मई 2023 को उज्जैन आ रहे हैं। वर्ष 2015 में स्वर्णिम भारत मंच की पवित्र नगरी की मांग का समर्थन करते हुए राष्ट्रसंत ने धरना दिया था, जिसके बाद प्रशासन को आनन फानन राष्ट्र संत को धरने से उठाने के लिए उनकी सारी मांगें माननी पड़ी थीं। 

उस समय तत्कालीन कलेक्टर कविंद्र कियावत ने महाकाल मंदिर के दो किमी परिक्षेत्र से मांस की दुकानें हटाने का आदेश जारी किया था। साथ ही उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित करने के लिए भी पुरजोर प्रयास करने की बात कही थी, लेकिन आठ वर्ष बीतने के बावजूद भी स्थिति यह है कि अब तक उज्जैन नगरी पवित्र नगरी घोषित नहीं हो पाई है। इस बात से राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश प्रशासन से बुरी तरह नाराज हैं।

स्वर्णिम भारत मंच के अध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव ने बताया कि अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच एवं स्वर्णिम भारत मंच के संस्थापक राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश 30 मई 2023 को उज्जैन आएंगे। जिसके बाद वह लगभग एक सप्ताह उज्जैन में रहेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इन कार्यक्रमों के साथ ही राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश धार्मिक नगरी उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित करवाने के साथ ही मां शिप्रा को प्रदूषण मुक्त और प्रवाहमान करने के लिए एक बार फिर शहर के जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से इसका निवेदन करेंगे। यहां ज्ञात रहे की राष्ट्रसंत पर्यावरण, गोसेवा, मानव सेवा के साथ ही सेवा कार्यों में सदैव अग्रणी रहे हैं, लेकिन जब उनकी मांगों को नहीं माना जाता तो वह अहिंसात्मक रूप से आंदोलन करते हैं। उज्जैन में भी आगामी चार जून 2023 को उनका अहिंसात्मक आंदोलन होने वाला है, जिसमें कई विषयों को पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा।



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