संवाद न्यूज एजेंसी

ललितपुर। यह अपनी मेहनत पर भरोसे की कहानी है। जिद, जज्बे और जुनून की गाथा है। असफलताओं से न डिगने और लक्ष्य पर निशाना साधे रहने की कोशिशों की बात है। बात आकांक्षा गुप्ता की आकांक्षा की है। उनकी चाहत थी देश की सबसे बड़ी परीक्षा उत्तीर्ण करने की। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में बांसी की बेटी आकांक्षा गुप्ता वर्ष 2019, 2020 व 2021 में शामिल हुईं। उन्हें तीनों ही बार असफलता मिली। 2022 में उन्होंने चौथी बार परीक्षा दीं और सफल हुईं। आकांक्षा की इस सफलता पर शुभकामनाएं देने वालों का तांता लग गया। आकांक्षा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, भाई-बहन और दोस्तों सहित शिक्षकों को दिया है।

कस्बा बांसी निवासी प्रमोद कुमार गुप्ता की पुत्री आकांक्षा ने अपनी शुरुआती शिक्षा ललितपुर के सेंट डॉमनिक सेबियो विद्यालय में पाई। यहां से उन्होंने हाईस्कूल 2014 में और 2016 में इंटरमीडिएट की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की थी। इसके बाद झांसी के विपिन बिहारी महाविद्यालय से बीएससी गणित की परीक्षा उत्तीर्ण की। बीएससी करने के दौरान ही आकांक्षा यूपीएससी की तैयारी में जुट गई थी। आकांक्षा की दो छोटी बहनें अर्चना, अर्पिता और भाई निखिल है। भाई मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। बहनें भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहीं हैं।

दुकानदार पिता के सपनों को किया पूरा

यूपीएससी परीक्षा में सफल होने वाली आकांक्षा गुप्ता के पिता प्रमोद कुमार की कस्बा बांसी में कपड़े की दुकान है। इस दुकान से होने वाली आय से उन्होंने अपनी बेटी आकांक्षा की पढ़ाई का जिम्मा उठाया। प्रमोद बताते हैं कि आज उनकी बेटी ने उनका सपना पूरा कर दिया है। आकांक्षा की माता साधना गुप्ता गृहिणी हैं। पढ़ाई को लेकर वह काफी गंभीर रहती हैं। बेटी की सफलता से खुश होते उन्होंने कहा कि मेरी मेहनत सफल हो गई।

आकांक्षा के टिप्स

– सात-आठ घंटे की पढ़ाई जरूरी

– जो पढ़ें पूरे मन से पढ़ें

– पढ़ें और उसका मनन करें

– सोशल मीडिया से रहें दूर



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