
मंदिर तोड़े जाने मेयर कलेक्टर से नाराज
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इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव और जनता की पसंद बनते जा रहे कलेक्टर टी इलैयाराजा के बीच के मंदिर तोड़े जाने की घटना ने दरार पैदा कर दी। कलेक्टर के निर्देश पर निगम के अमले ने बाले-बाले सूर्यदेव नगर में मंदिर तोड़ दिया, लेकिन कार्रवाई के बारे में न मेयर को पता था, न पार्षद को। यह बात मेयर को नागवार गुजरी और उन्होंने कलेक्टर इलैयाराज को चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी। मेयर ने लिखा कि उनकी जानकारी के बगैर मंदिर तोड़ने आपति्तजनक है और ऐसा करना लोकतांत्रिक मूल्यों के भी खिलाफ है।
यह लिखा मेयर चिट्ठी में
कलेक्टर को लिखी गई मेयर की चिठ्ठी में सूर्यदेव नगर में मंदिर तोड़ने की घटना पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लिखा कि मंदिर तोड़ने की जानकारी मुझे समाचारपत्रों के माध्यम से पता चली। जब निगम के अफसरों से पूछा तो उन्होंने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर मंदिर तोड़ा गया। इस कार्रवाई से रहवासी आक्रोशित हो गए और शहर में तनाव की स्थिति भी निर्मित हो सकती थी। आपकेे द्वारा मंदिर तोड़े जाने जैसे संवेदनशील मुद्दे पर मेरी जानकारी के बगैैर सीधे निगम अफसरों को निर्देश देना अंत्यत आपति्तजनक है। इस कार्रवाई से प्रशासन और नगर निगम की छवि धूमिल हुई है। भविष्य में इस तरह की कारवाई जनप्रतिनिधि के संज्ञान मेें लाए बगैैर न करें।
मेयर ने कहा- अफसरों को बगैर पूछा कारवाई नहीं करने को कहा
मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि मंदिर तोड़ने के निर्देश कलेक्टर ने दिए थे। इस कारण निगम के अफसर दबाव मेें आ गए। भविष्य में उन्हें मेरी जानकारी के बगैर इस तरह की कारवाई नहीं करने को कहा गया है, इसके अलावा कलेक्टर को भी चिट्ठी लिखी गई है। कलेक्टर इलैया राजा से इस बारे में प्रतिक्रिया चाही गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
पटेल नगर मामले में लेना पडा था यू टर्न
पटेल नगर में मंदिर ढहाने की घटना के बाद दूसरा मंदिर तोड़ने से निगम की किरकिरी हो गई है और कांग्रेस ने भी इस कार्रवाई को भुना लिया विधायक जीतू पटवारी सूर्यदेव नगर के रहवासियों को मंदिर बनाने के लिए ढाई लाख रुपये दे आए। क्षेत्रीय पार्षद अभिषेक शर्मा बबलू मंदिर तोड़े जाने पर धरने पर बैठे थे। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए राशि देने की घोषणा भी की। पटेल नगर बावड़ी हादसे में देरी से सेना बुलाए जाने पर अफसरों की लापरवाही नजर आई थी। बाद में बावड़ी के साथ मंदिर भी तोड़ दिया गया था। इसका मामला गरमाने लगा तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पटेल नगर मेें फिर से मंदिर बनाने की घोषणा करना पड़ी थी।
सड़क चौड़ाई में बाधक है कई धर्मस्थल
25 साल में शहर में बांण्ड सड़क, फीडर रोड और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सड़कें चौड़ी हुई, लेकिन कई स्थानों पर धर्मस्थल नहीं हट पाए। बंगाली काॅलोनी रोड पर मस्जिद और दुकानें हटाए बगैर सड़क बनी। तिलक नगर से जैन मंदिर भी नहीं हटाया गया। बीआरटीएस पर खजरानी मस्जिद ने जमीन का हिस्सा सड़क के लिए नहीं दिया। इसके बाद दूसरे समाजों ने भी मंदिर नहीं हटाए थे।
कैलाश विजयवर्गीय जब मेयर थे तो बाण्ड प्रोजेक्ट में परदेशीपुरा से एमआईजी चौराहे तक सड़क बनी। तब चार मंदिर सड़क में बाधक थे। निगम ने एक भी मंदिर नहीं हटाया स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में बियाबानी, खजूरी बाजार मार्ग से भी मंदिर नहीं हटे।भाजपा की निगम परिषद में इस साल दो मंदिरों को तोड़े जाने से हिन्दू संगठन और बजरंग दल नाराज है।