Gwalior News: DSP sought help on social media CM wife Sadhna Singh took cognizance

मरीज को अस्पताल लेकर जाते डीएसपी संतोष पटेल
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

ग्वालियर के घाटीगांव सर्किल के अनुविभागीय अधिकारी संतोष पटेल की मानवीय पहल को खुद प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह ने अपने संज्ञान में लिया है। उन्होंने एक गरीब बेबस और आदिवासी मजदूर की अचानक देखने और सुनने की शक्ति खत्म हो जाने को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण मानते हुए उसके यथासंभव इलाज के निर्देश दिए हैं।

दरअसल घाटीगांव इलाके में हुई एक वारदात के सिलसिले में आरोपी को तलाशने के लिए डीएसपी संतोष पटेल नया गांव स्थित क्रेशर कॉलोनी गए थे। वहां उन्होंने चिलचिलाती गर्मी में पेड़ के नीचे बैठे पानी मांग रहे युवक को देखा, तो उनसे रहा नहीं गया। उसके शरीर पर सिर्फ हाफ पेंट थी। युवक के पास जाकर उन्होंने उससे बात करने की कोशिश की लेकिन न तो वह उनकी बात सुन रहा था न ही देख पा रहा था। गहराई से पड़ताल करने पर पता चला कि चार महीने पहले तक यह युवक इंदर सिंह आदिवासी अच्छा भला था और मजदूरी के लिए सागर बीना गया हुआ था। वहां उसके साथ कोई अनहोनी हुई, जिससे उसकी देखने और सुनने की क्षमता खत्म हो गई। युवक और उसके माता-पिता की लाचारी देख मानवीय पहलुओं पर पैनी नजर रखने वाले संतोष पटेल ने इंदर सिंह की कहानी को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डाला था और फेसबुक पर भी उसे पोस्ट किया था। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को भी इस खबर को लेकर टैग किया था। 

इसके बाद मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह का ध्यान इस ओर गया उन्होंने इंदर सिंह के साथ हुई घटना को गंभीर माना और जयारोग्य अस्पताल प्रशासन को निर्देशित किया कि हर हाल में इस गरीब मजदूर और आदिवासी युवक का यथासंभव इलाज किया जाए। वहीं उन्होंने डीएसपी संतोष पटेल से मरीज के बारे में पूरी जानकारी हासिल की। साधना सिंह को उन्होंने बताया कि वह खुद ही नया गांव की क्रेशर कॉलोनी में रहने वाले इंदर सिंह आदिवासी को लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। जैसे ही डीएसपी मंगलवार सुबह आदिवासी युवक को अपने साथ लेकर हजार बिस्तरों वाले अस्पताल में पहुंचे। वैसे ही वहां के संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक डॉ आरकेएस धाकड़ ने चिकित्सकों की टीम के साथ उन्हें अटेंड किया।

अधीक्षक एवं नेत्र विशेषज्ञों को तुरंत ही इस पीड़ित युवक को अपने सुपर विजन में लिया और उसे आई वार्ड में भर्ती कराया। जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक डॉ आरकेएस धाकड़ ने मरीज के साथ ही उसके परिजनों के रहने और खाने-पीने का इंतजाम करने के भी निर्देश दिए हैं। जो ठेकेदार उसे मेहनत मजदूरी के लिए यहां से लेकर गया था। वह होली के पर्व के दौरान उसे नया गांव स्थित क्रेशर कॉलोनी में माता-पिता के पास छोड़ गया। जब युवक के माता पिता ने अपने युवा पुत्र की ऐसी हालत देखी तो वे परेशान हो गए लेकिन गरीबी और अशिक्षित होने के कारण से युवक को कहीं भी नहीं दिखाने के लिए ले जा पा रहे थे।

 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *