
पिता की शिकायत करतीं बच्चियां।
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घर में होने वाले गृह क्लेश का बच्चों के कोमल मन पर कितना असर पड़ता है। इसका उदाहरण ग्वालियर के भितरवार कस्बे में सामने आया है। यहां अपने ही पिता की शिकायत करने दो बालिकाएं पुलिस थाने पहुंच गईं। उन्होंने अपने पिता को गिरफ्तार करने की मांग की। इन मासूम बालिकाओं का कहना था कि उनकी मां को पिता ने मारा-पीटा है और यह एक दिन की बात नहीं है। आए दिन घर में इस तरह की घटना होती रहती हैं।
बालिकाओं ने कहा कि उन्हें इस तरह की परिस्थितियों में डर का सामना करना पड़ रहा है। बालिकाओं की इस तरह की फरियाद सुनते ही वहां मौजूद पुलिस कर्मचारियों का अमला सन्न रह गया। थाना प्रभारी प्रशांत शर्मा ने बालिकाओं की बात सुनने के बाद उन्हें इत्मीनान से अपने कक्ष में कुर्सियों पर बिठाया और उनकी समस्याएं सुनीं। उसके बाद थाना प्रभारी बालिकाओं को अपने साथ लेकर इन बच्चियों के घर पहुंचे और माता-पिता से बात की। उन्हें समझाया कि घरेलू क्लेश से उनके बच्चों मन पर गहरा असर पड़ रहा है। इससे उनके भविष्य पर भी खतरे के बादल मंडरा सकते हैं। इसलिए वे आपस में मिलजुल कर रहें।
थाना प्रभारी की समझाइश पर आखिरकार माता-पिता ने आपस में झगड़ा नहीं करने का वचन दिया। उसके बाद बच्चियों को भी समझा बुझाकर भितरवार थाने की पुलिस लौट गई। पता चला है कि इन बच्चियों की मां ग्रहणी हैं, जबकि पिता किसान हैं। यह बच्चियां 8 और 9 साल की हैं और वर्तमान में पढ़ाई कर रही हैं, लेकिन घर के माहौल से उनका पढ़ाई में मन नहीं लग रहा। यह बात भी उन्होंने थाना प्रभारी प्रशांत शर्मा को बताई थी। इस मामले में थाना प्रभारी प्रशांत शर्मा का कहना है कि बच्चियों के माता-पिता को पुलिस ने समझा बजा दिया है और उन्होंने भी आपस में झगड़ा नहीं करने का वचन दिया है।