
विधायक को राजपूत समाज ने सिखाया सबक
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
महाराणा प्रताप जयंती पर उज्जैन के महिदपुर में आयोजित शौर्य यात्रा में एक अनोखी घटना देखने को मिली। शौर्य यात्रा में हजारों की संख्या में समाजजन एकत्रित होकर महाराणा प्रताप के जयकारों के साथ आगे बढ़ रहा था। स्वागत के क्रम में जैसे ही महिदपुर के बीजेपी विधायक बहादुर सिंह चौहान का मंच आया तो राजपूत समाजजनों ने विधायक के इस मंच का बहिष्कार कर दिया और जुलूस को विधायक बहादुर सिंह चौहान के मंच की और नहीं ले जाया गया।
इससे विधायक बहादुर सिंह चौहान नाराज हो गए और जुलूस का स्वागत करने की बजाय यहां से भाग गए। यह पूरा घटनाक्रम क्षेत्र में सभी लोगों के बीच में चर्चा का विषय बना हुआ है। पूर्व में क्षेत्रीय विधायक ने करणी सेना के आंदोलन के दौरान अपने अहंकार के कारण राजपूत समाज के लोगों पर भेदभाव कर प्रशासकीय ज्यादती करवाई थी, जिसके कारण आज पूरे क्षेत्र ही नहीं, अपितु प्रदेश स्तर पर राजपूत समाज इनका विरोध कर रहे थे।
स्वागत करवाने कोई नहीं पहुंचा तो भाग गए विधायक…
इस यात्रा का विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं अन्य बीजेपी नेताओं के मंचों पर राजपूत समाज के शोभा यात्रा में सम्मिलित सभी लोगों ने सहजता से स्वागत करवाया। लेकिन जैसे ही विधायक का मंच आया तो सभी लोगों को विधायक बहादुर सिंह चौहान द्वारा की गई ज्यादती याद आ गई। जब विधायक के मंच पर कोई भी स्वागत करवाने नहीं पहुंचा तो विधायक ने मंच से भागना ही उचित समझा।
‘मामा कहना मान ले बोरिया बिस्तर बांध ले’
यात्रा के दौरान कुछ लोग नारे लगा रहे थे कि मामा कहना मान ले बोरिया बिस्तर बांध ले। इसके साथ ही कुछ लोगों ने मध्यप्रदेश का एक ही किंग जीवन सिंह जीवन सिंह के भी नारे लगाए।