
शिप्रा नदी में मिलता नाले का गंदा पानी।
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मध्यप्रदेश सरकार मां शिप्रा को प्रवाहमान व साफ स्वच्छ रखने के नाम पर अब तक करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी है, लेकिन सच्चाई यह है कि इन रुपयों के खर्च होने के बावजूद भी मां शिप्रा अब तक प्रदूषित ही हैं। रविवार सुबह भी शिप्रा तट रामघाट पर सुबह 10:30 बजे से रामानुजकोट के पास बना नाला अचानक ओवरफ्लो हो गया और यहां से गंदा पानी मां शिप्रा में आने लगा। मां शिप्रा में गंदे नाले का पानी मिलने की सूचना तुरंत नगर निगम के जिम्मेदारों को पहुंचाई गई, लेकिन स्थिति यह थी कि तीन घंटे तक इस समस्या को सुलझाने के लिए घाट पर कोई नहीं पहुंचा था। रामानुजकोट से रामघाट तक यह गंदा पानी श्रद्धालुओं की आस्था को आहत कर रहा था जिससे मां शिप्रा में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे श्रद्धालुओं का साफतौर पर कहना था कि हमें ऐसे गंदे पानी में नहीं नहाना है। ये वही घाट है, जहां सिंहस्थ में शाही स्नान होता है।
बता दें आगामी 30 मई 2023 को उज्जैन मे गंगा दशहरा उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसको लेकर रामघाट पर अभी से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। कल पंडे-पुजारियों ने मां शिप्रा का पूजन अर्चन कर इस पर्व की शुरुआत की थी। रविवार सुबह ही मंत्री मोहन यादव ने भी यहीं पूजन किया था, उनके जाने के कुछ समय बाद ही नाला का पानी उफनने लगा और नदी में मिलने लगा। रामानुजकोट के समीप से नाला ओवरफ्लो हुआ और गंदा बदबूदार पानी मां शिप्रा में मिलने लगा। पुजारियों और क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले लोगों को लगा कि कुछ देर में यह समस्या दूर हो जाएगी, लेकिन जब तीन घंटे तक नाला ओवरफ्लो होता रहा और मां शिप्रा में दुर्गंध युक्त पानी मिला तो श्रद्धालुओं की आस्था आहत हो गई।