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इंदौर में रविवार को भी बारिश हुई।
– फोटो : amar ujala digital
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दोपहर में तेज गर्मी, शाम को अचानक तेज हवाएं और फिर झमाझम बारिश… मौसम के इस मिजाज से शहरवासियों का पहले कभी सामना नहीं हुआ। पहले कभी मई इतना भीगा भी नहीं है। पल में माशा पल में तौला हो रहे इस मौसम की वजह इस बार न अरब सागर की खाड़ी की नमी है और न ही कोई विक्षोभ है। मौसम वैैज्ञानिक मई मेें हो रही बारिश का सबसे बड़ा कारण अप्रैल में हुई झमाझम बारिश से वातावरण में छाई नमी मान रहे है।
दरअसल सवा सौ साल बाद इंदौर में अप्रैल में झमाझम बारिश हुई। स्थानीय जलस्त्रोतों में पानी आ गया। जमीन मेें भी नमी बनी हुई है। अब मई में जब धरती तप रही है तो जलस्त्रोतों का वाष्पीकरण तेजी से हो रहा है। स्थानीय सिस्टम बनाने में हवाएं मददगार साबित हो रही है और कम ऊंचाई पर काले बादल छा रहे है, जो बाारिश की वजह बन रहे हैै।
शाम के समय होती रहेगी बारिश
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ममता यादव कहती है कि प्रदेश के कई हिस्सों में अप्रैल में बाारिश हुई थी। जलस्त्रोतों के वाष्पीकरण,तेज हवा और नमी के कारण दस से 12 किलोमीटर के दायर में स्थानीय सिस्टम तैयार हो रहे है। इस तरह का मौसम अगले कुछ दिनों तक देखने को मिल सकता है और बारिश शाम के समय होती रहेगी। इस तरह के मौसम के कारण तापमान भी ज्यादा नहीं बढ़ेगा, हालांकि गर्मी से राहत नहीं मिलेगी।
दिन का तापमान 40 डिग्री के पार
रविवार शाम शहर में भले ही बारिश हुई, लेकिन दिन में गर्मी से कोई राहत नहीं मिली। रविवार को दिन का तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से एक डिग्री ज्यादा था। हवा की गति भी 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा रही। शहर मेें शनिवार रात को भी बारिश हुई थी। इसका कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज हुई। शनिवार रात का तापमान 22.2 रहा, जो सामान्य से तीन डिग्री कम रहा।
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