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वाराणसी कोर्ट
– फोटो : अमर उजाला
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विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट द्वितीय अनुभव द्विवेदी की अदालत ने ज्ञानवापी से संबंधित एक मामले में दाखिल निगरानी याचिका स्वीकार कर ली है। साथ ही, निचली अदालत के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें एफआईआर दर्ज करने के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया गया था।
अदालत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेशों में यह विधि व्यवस्था बनाई है कि किन तथ्यों के आधार पर सिविल और आपराधिक प्रक्रिया साथ-साथ चलाई जा सकती है। निगरानी अदालत ने अवर अदालत को आदेशित किया कि निगरानीकर्ता को पुनः सुनकर विधिसम्मत आदेश पारित करें। पक्षकारों को 30 मई को अवर अदालत में हाजिर होकर पक्ष रखने को भी कहा गया है।
दरअसल, बजरडीहा के विवेक सोनी और चितईपुर के जयध्वज श्रीवास्तव ने अधिवक्ता देशरत्न श्रीवास्तव और नित्यानंद राय के माध्यम से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। अदालत को बताया गया कि द्वादश ज्योतिर्लिंग में प्रमुख विश्वनाथ मंदिर अनादि काल से काशी में स्थित है। ज्योतिर्लिंग की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी, जो जीवित स्वरूप में है।
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