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श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति वैसे तो महाकाल मंदिर की सभी व्यवस्थाओं को ठीक ढंग से निभाने के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन यह प्रबंध समिति भी सत्ता-रसूख के आगे नतमस्तक नजर आती है। यह हम नहीं कहते बल्कि महाकाल मंदिर में तीन वर्षों मे रसूखदारों द्वारा तोड़े गए नियमों को देखकर पता चलता है। इसको लेकर तत्कालीन प्रबंध समिति अध्यक्ष ने जांच के बाद कार्रवाई के बड़े-बड़े दावे तो किए थे, लेकिन आज तक इन मामलों में एक भी व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज नहीं की गई है। छोटी-मोटी कार्रवाई पर ढिंढोरा पीटने वाली श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति इस पर चुप्पी साधे बैठी है। 

पहला मामला 25 जुलाई 2020 नागपंचमी का है। जब उज्जैन जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए नागचंद्रेश्वर मंदिर में सभी का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद भी इंदौर के भाजपा नेता गोलू शुक्ला ने वर्ष में एक बार होने वाले भगवान नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा के पास पहुंचकर न सिर्फ पूजन-दर्शन किए थे बल्कि इसके फोटो वीडियो भी खूब वायरल हुए थे। फोटो वीडियो वायरल होने के बाद जमकर बवाल मचा था। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के तत्कालीन अध्यक्ष आशीष सिंह ने भाजपा नेता गोलू शुक्ला के खिलाफ FIR दर्ज करवाने के निर्देश भी दिए थे, लेकिन तीन साल बीत जाने के बावजूद भी आज तक इस मामले मे कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। 



महाकालेश्वर मंदिर में नियमों के उल्लंघन की यह पहली घटना नहीं है। 13 अगस्त 2021 को भी कोरोना के कारण तत्कालीन प्रभारी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने महाकाल मंदिर के गर्भगृह में सभी के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा था लेकिन नागपंचमी के दिन महाकाल मंदिर में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय व रमेश मेंदोला ने बाबा महाकाल के गर्भगृह में पहुंचकर पूजन-अर्चन किया था। इस दौरान भस्मआरती करने वाले पुजारियों को 4 नंबर गेट पर ही रोक दिया गया था। मंदिर के मुख्य पुजारी पं. अजय गुरु ने जब 4 नंबर गेट पर तत्कालीन वाणिज्यकर अधिकारी दिनेश जायसवाल से उन्हें रोकने का कारण पूछा था तो वह कोई जवाब नहीं दे पाए थे। तभी पुजारी अजय गुरु ने सभा मंडप में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला को देखा था और इसका विरोध भी किया था। बताया जाता है कि इस दिन भस्मआरती की शुरुआत करने में भी लगभग आधे घंटे की देरी हुई थी। पूरे मामले का विरोध होने पर तत्कालीन महाकाल मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष आशीष सिंह ने इस मामले में भी जांच करवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन इस मामले में भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। 

 


18 अगस्त 2021 श्रावण मास के चतुर्थ सोमवार को इंदौर के भाजपा नेता गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला ने कोविड-19 के प्रतिबंध के बावजूद भी बाबा महाकाल के गर्भगृह के गेट पर पहुंचकर फोटो खिंचवाई थी और इसे सोशल मीडिया पर वायरल भी किया था। फोटो वायरल होने के बाद हो हल्ला तो तब भी खूब मचा था। 12 मार्च 2023 रंगपंचमी पर गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला ने भस्मआरती के दौरान महाकाल मंदिर के गर्भगृह से 26 सेकंड का वीडियो वायरल किया था। इसमें रुद्राक्ष शुक्ला मंदिर के पंडित और पुजारीगणों के साथ गर्भगृह में दिखाई दे रहा था। यह वीडियो वायरल होने के बाद जमकर बवाल मचा था, क्योंकि भस्मआरती के दौरान सिर्फ पंडे पुजारियों को ही गर्भगृह में जाने की अनुमति होती है, लेकिन रुद्राक्ष शुक्ला भस्मआरती के दौरान गर्भगृह में कैसे पहुंचा यह एक बड़ा सवाल था? इस मामले में भी हर बार की तरह हुआ यही की महाकाल मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी पूरे मामले में जांच कर कार्रवाई करने की बात कहते रहे, लेकिन इस मामले को बीते हुए भी दो माह हो चुके हैं और अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।  


रिपोर्ट कलेक्टर को भेज दी 

इन सभी मामलों में महाकालेश्वर प्रबंध समिति द्वारा क्या कार्रवाई की गई, इस पर जब महाकाल मंदिर प्रशासक संदीप सोनी से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि 12 मार्च 2023 रंगपंचमी को रुद्राक्ष शुक्ला द्वारा गर्भगृह में पहुंचने के पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर व महाकालेश्वर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कुमार पुरुषोत्तम को भेज दी गई है। बाकी अन्य मामलों की मुझे कोई जानकारी नहीं है। 

पूर्व मंत्री ने भी कहा था महाकाल मंदिर में बंद करो वीआईपी कल्चर

13 अगस्त 2021 को भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला द्वारा गर्भगृह में पहुंचकर दर्शन करने के बाद मचे बवाल को देखते हुए पूर्व मंत्री पारस जैन ने महाकाल मंदिर में वीआईपी कल्चर व्यवस्था को बंद करने की मांग की थी और उन्होंने मुख्यमंत्री से भी एक वीडियो के माध्यम से यह गुहार लगाई थी कि मंदिर में वीआईपी कल्चर व्यवस्था बंद कर दी जाए। पूर्व मंत्री पारस जैन ने सांसद, विधायक, आईएएस, आईपीएस सहित न्यायालय के अधिकारियों को भी लाइन में लगकर दर्शन करने का अनुरोध किया था।  




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