
कमल नाथ
– फोटो : SOCIAL MEDIA
विस्तार
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ बुधवार को इंदौर में थे। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा की अौर कई सवालों के बेबाकी से जवाब दिए। उज्जैन में महाकाल की सशुल्क व्यवस्था के मुद्दे पर वे बोले कि महाकाल को भक्तों से दूर करना गलत है। धर्म अाचार अौर विचार का विषय है। भाजपा ने इसे राजनीतिक प्रचार का विषय बना दिया। महाकाल लोक का काम कांग्रेस सरकार ने शुरु किया था। अब उसे भाजपा सरकार भुना रही है। उन्होंने अन्य कई सवालों के जवाब भी दिए।
– कांग्रेस में टिकट को लेकर काफी जद्दोजहद रहती है। उम्मीदवार भी देरी से घोषित होते है। इस बार क्या फार्मूला रहेगा ?
– मैं चार सर्वे करा रहा हुं। जिस नेता का नाम तीन सर्वे में होगा। उसे मैं मजबूत मानूंगा। उस नेता को मैं चुनाव के तीन चार माह पहले ही ईशारा कर दूंगा। टिकट चयन को लेकर कोई दबाव प्रभाव नहीं झेलूंगा, हालांकि इस बार जनता भाजपा से खफा है। उम्मीदवारों के बजाए इस बार मतदाता संगठन को महत्व देंगे।
– कांग्रेस का संगठन कितना मजबूत है। मंडलम सेक्टर का फार्मूला प्रदेश में कितना लागू हो पाया ?
उत्तर- यह फार्मूला ठीक से लागू नहीं हो पाया, क्योकि यह नई चीज थी। हमारी कांग्रेस में स्ट्रक्चरल डिफेक्ट है। ब्लाॅक अध्यक्ष क्या 130-140 बूथ संभाल सकते हैै। मैने सोनिया गांधी जी को कहा था कि हमें ब्लाॅक छोटे करना चाहिए। वे सहमत नजर आई और वरिष्ठ पदाधिकारियों से बात करने को कहा। तब अास्कर फर्नाडिस ने संगठन के संविधान में बदलाव करने की बात कही। मैने उनसे कहा कि हमारी पार्टी का संविधान कौन सा गीता-बाइबिल है। उन्होंने कहा कि दूसरे प्रदेशों से बात करेंगे। मैैने तब सोचा कि ये उनके बस की बात नहीं है। मैने छिंदवाड़ा में यह फार्मूला लागू किया। पूरे जिले मेें कांग्रेस के विधायक है। प्लेट साफ करने वाला अाज छिंदवाड़ा का मेयर है।
– विधायक पार्टी छोड़कर गए,क्या वो आपके संपर्क में है?
-कांग्रेस में दूसरी पार्टी से तभी कोई नेता आएगा,जब स्थानीय कार्यकर्ता उसकी पैरवी करेंगे। भाजपा के कई नेता मेरे पास अाते है। ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव हार रहे है। यह बात मुझे सर्वे की टीम ने बता दी थी। मैने उन्हें फोन लगाकर भी कहा था कि लोकसभा चुनाव को हल्के में मत लेना। मतदान के पांच दिन पहले टीम ने बता दिया था कि वे एक लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव हार रहे हैै।
– सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की जो पप्पू वाली इमेज बनाई गई है। क्या वह भारत जोड़ो यात्रा से बदली है?
-राहुल गांधी की जो इमेज से सोशल मीडिया पर भाजपा की आईटी सेल बनाने की कोशिश करती है। उससे अम आदमी को कोई फर्क नहीं पड़ता। किसी गांव में जाकर पूछिए कि क्या राहुल गांधी पप्पू है तो ग्रामीण कहेंगे कि तो क्या हुुआ मेरे बेेटे के नाम भी पप्पू है। राहुल तो आम आदमी की बात करते हैै। वे तो हमारे जैैसे है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मैने लोगों से 30 विधानसभा सीटों को लेकर फीडबैैक लिया है।