वर्ष 2007 तक हरिशंकर तिवारी का राजनीतिक जीवन ऊंचाइयों को छूता रहा, लेकिन उसके बाद पहली बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। साल 2007 के बाद 2012 में भी वे चुनाव हार गए। इसके बाद उन्होंने अपनी सियासी कर्मभूमि छोटे पुत्र विनय शंकर तिवारी को सौंप दी। साल 2017 में विनय शंकर बीएसपी से चुनाव लड़े और पूर्व मंत्री राजेश तिवारी को हराकर पुश्तैनी सीट पर कब्जा जमाया।
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चिल्लूपार से छह बार लगातार विधायक रहे
यूपी की सियासत में बड़े ब्राह्मण चेहरे के तौर पर पहचान रखने वाले पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी की कर्मभूमि चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र रही है। इस क्षेत्र से वे 1985 में पहली बार विधायक बने और लगातार छह बार चुनाव में जीत हासिल की।
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प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही लंबे समय बाद 2017 में तिवारी हाते पर पुलिस का छापा पड़ा था। उस वक्त यह छापा प्रदेश की सुर्खियों में था। छापा के बाद हरिशंकर तिवारी खुद सड़क पर उतरे और कलक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए। तिवारी के धरने पर बैठने के बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई।