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हरियाणा के प्रथम मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश के 1980 से 1984 तक राज्यपाल रहे स्व. डॉ. भगवत दयाल शर्मा की बेटी मालती इंदौरिया की राजभवन में एंट्री बैन कर दी गई है। 62 वर्षीय मालती इंदौरिया ने राजभवन में उनकी मां की याद में बने पार्क में आखरी बार पौधा लगाने की मांग की थी। उनका आरोप है कि वह फरवरी से पौधा लगाने अनुमति मांग रही है, लेकिन उनको अधिकारी राज्यपाल की तरफ से अनुमति नहीं होने की बात कह रहे है। वहीं, इस मामले में राजभवन की तरफ से कहा गया कि मालती इंदौरिया के आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने अप्वाइमेंट नहीं लिया। 

 

राजभवन में मालती इंदौरिया की मां के नाम पर सावित्री निकुंज पार्क है। जो उनकी 1982 में निधन के बाद बनाया गया। इस पर उनके नाम का बोर्ड भी लगा है। मालती राय ने बताया कि उनकी मां का निधन 26 फरवरी 1982 को राजभवन में ही हुआ था। वह लगातार उस पार्क में पौधा लगाते आ रही है। इससे पहले 26 फरवरी को कभी राजभवन में उनको पौधा लगाने से नहीं रोका गया। इस बाद उनको अनुमति नहीं दी गई। वह फरवरी से पार्क में पौधा लगाने के लिए अनुमति मांग रही है, लेकिन अधिकारी राज्यपाल की तरफ से अनुमति नहीं मिलने की बात कहकर उनको लौटा रहे है। 

 



मालती इंदौरिया रविवार को मदर्स डे पर पौधा लेकर राजभवन पहुंची। यहां अधिकारी उनको अलग-अलग अधिकारियों से बात करने के लिए टालते रहे। इससे नाराज होकर वह नीचे बैठ गई। मालती राय ने आरोप लगाया कि क्या वह चोर- डाकू है। उन्हें क्यों पौधा नहीं लगाने दिया जा रहा। मेरा पार्क से भावनात्मक लगाओ है। सिर्फ पौधा लगाना है। उन्होंने कहा कि अधिकारी जवाब देते है कि राज्यपाल से अनुमति नहीं है। क्या ज्यपाल एक बेटी की भावना नहीं समझ पा रहे। मेरे लिए अंदर से चाय-नाश्ता भिजवाया गया। मैं चाय नाश्ता सिर्फ अपनी मां की याद में एक पौधा लगाना चाहती हूं। मुझे राजभवन की गरिमा का पूरा ख्याल है, लेकिन पौधा लगाने से नुकसान क्या है? इस पर आपत्ति क्या होना चाहिए। 

 

मालती राय ने कहा कि मुझे पौधा लगाने देने के बजाए वह अंदर से एक जंग पानी लेकर आए कि आप इसे हाथ लगा दीजिए हम पार्क में पौधे पर डाल देंगे। फिर मेरे द्वारा लेकर गए पौधे को लगाने के लिए गमला लेकर आ गए। मैं राजभवन के अधिकारियों के इस व्यवहार बहुत व्यथित हूं। मालती इंदौरिया ने आरोप लगाया कि पिछली बार पौधरोपण करने जाने पर पार्क में उनकी मां के नाम के बोर्ड के सामने कूड़े का ढेर लगा हुआ था। इसको लेकर आपत्ति जताई थी। यह वजह है मुझे पौधरोपण करने जाने से रोका जा रहा है। मेरे पिता ने पार्क में चार चंदन के पेड़ लगाए थे, जो नहीं दिखे। मुझे लगता है कि मेरा यह पूछना गलत हो गया?  बता दें मालती इंदौरिया भोपाल में बैरसिया रोड डीआईचौराहा ग्रीन पार्क कॉलोनी में रहते है। पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रही है। 62 वर्ष की उम्र में साइकिल से उज्जैन महाकाल के दर्शन करने जा चुकी है। 

 

जिम्मेदार बोले-

वहीं, इस मामले में राज्यपाल के ओएसडी अरविंद पुरोहित ने कहा कि उन्होंने अप्वाइंमेंट नहीं लिया। फिर भी उनसे पौधा लेकर पार्क में लगाया गया। पिछली बार उनका स्टाफ के साथ रवैया ठीक नहीं था। उनके आरोप बेबुनियाद है।

 






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