
उज्जैन में आम भक्तों से दूर होते महाकाल।
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महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में जाने से लेकर भस्म आरती में भाग लेने तक के लिए सशुल्क व्यवस्था से संत समाज और आम श्रद्धालु नाराज हैं। उज्जैन उत्तर के विधायक पारस जैन को भी मंदिर दर्शन के लिए शुल्क वसूले जाने को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि मेरा बस चले तो मैं पैसे लेकर दर्शन कराने की व्यवस्था ही बंद कर दूं। लेकिन सरकार भी मजबूर है। दर्शन के लिए बहुत ज्यादा शुल्क वसूला जा रहा है, जिसे कम करने की जरूरत है। श्रद्धालुओं पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ना चाहिए।
पारस जैन उस इलाके का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां भगवान महाकाल का मंदिर बना है। वह छह बार के विधायक हैं और शिवराज सरकार में कई अहम मंत्रालय भी संभाल चुके हैं। पारस जैन ने कहा कि मैं जनप्रतिनिधि हूं। मैं तो चाहता हूं कि सरकार सभी श्रद्धालुओं को छूट दे। किसी से कोई शुल्क न वसूले। लेकिन सरकार की भी अपनी मजबूरी हैं। वह भी क्या करे। मेरा मानना है कि स्थानीय प्रशासन शुल्क व्यवस्था जारी रखना चाहता है, तो शुल्क थोड़ा कम करें। इससे लोगों को राहत मिलेगी। वे कम शुल्क देकर आसानी से दर्शन सकेंगे।
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