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रेलवे
– फोटो : न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
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रेलवे डिजिटल की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। इंदौर के मुख्य रिजर्वेशन ऑफिस में अब डिजिटल टोकन सिस्टम की शुरुआत कर दी गई है। इस नई व्यवस्था में वहां एक स्क्रीन लगाई गई है। रिजर्वेशन कराने आए यात्री स्क्रीन पर अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर डिजिटल टोकन ले सकते हैं। मोबाइल नंबर दर्ज करने के बाद रेलवे की तरफ से संबंधित व्यक्ति के मोबाइल नंबर पर एक लिंक आ जाती है। लिंक देखकर वह पता कर सकता है कि उसका नंबर कब आने की संभावना है या फिलहाल कौन से नंबर के रिजर्वेशन किए जा रहे हैं। इससे वह इस बचे हुए समय में अपने दूसरे काम कर सकता है। वहीं तेज धूप के बीच उसे अब लाइन में भी नहीं लगना पड़ेगा।
पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीना ने बताया कि पहले मैनुअली टोकन दिए जाते थे और बोर्ड में दर्शाए गए नंबरों को देखकर यात्री अपने नंबर का अंदाजा लगा पाते थे। मैनुअल टोकन लेने के बाद यदि वे किसी काम से बाहर जाते थे, तो उन्हें यह पता नहीं चल पाता था कि अब तक उनका क्रम कितना आगे बढ़ा है। इससे यह संशय बना रहता था कि उनका नंबर कहीं आ तो नहीं गया या फिलहाल कितने नंबर का रिजर्वेशन हो रहा है।
डिजिटल टोकन से यह परेशानी खत्म हो गई है। टैक्स्ट मैसेज में आई लिंक के जरिए यात्री यह लाइव देख सकेंगे कि अभी कौन से नंबर के रिजर्वेशन हो रहे हैं। यदि रिजर्वेशन कराने आया यात्री रिजर्वेशन ऑफिस से बाहर है, तो वह पर्याप्त समय होने पर तसल्ली से अपना काम कर सकता है और मार्जिन देखकर वापस रिजर्वेशन ऑफिस आ सकता है। मोबाइल पर आया एसएमस काउंटर पर दिखाकर यात्री अपना टिकट बुक करा सकते हैं।
पहले क्या थी व्यवस्था
पहले लोगों को टोकन लेकर बहुत देर तक इंतजार करना पड़ता था। इस वजह से लोग लाइन में खड़े रहते थे और उन्हें कई तरह की परेशानियां होती थी। अब डिजिटल टोकन की वजह से लोगों को सहूलियत हो गई है।
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