झांसी। बुंदेलखंड की जनता ने भाजपा के पक्ष में फिर से वोटों की बौछार की है। बुंदेलखंड की 18 नगर पालिका सीटों में से 12 पर भाजपा का कब्जा हो गया है। जबकि, 33 नगर पंचायत की सीटों में से 15 बीजेपी के खाते में गई हैं। सातों जिलों में बीजेपी के आगे सपा, बसपा और कांग्रेस पार्टियों का प्रदर्शन फीका रहा।

कभी बुंदेलखंड बसपा तो कभी सपा का गढ़ हुआ करता था। कभी कांग्रेस भी मजबूत स्थिति में होती थी। मगर बुंदेलखंड की सियासी तस्वीर 2014 के लोकसभा चुनाव से बिल्कुल बदल गई। केंद्र में पहली बार मोदी सरकार बनी और बुंदेलखंड की चारों सीटें भाजपा के खाते में आ गईं। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया। यहां की सभी 19 सीटों पर भाजपा के ही विधायक बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा की आंधी में विपक्ष उड़ गया और चारों सीटें भाजपा के खाते में आईं। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और सहयोगी पार्टियों ने 19 में से 16 सीटें जीतीं। अगर पिछले नगर निकाय चुनाव की बात करें तो 18 नगर पालिकाओं में भाजपा की पांच सीटें थीं। जबकि, 31 नगर पंचायतों में बीजेपी के 11 अध्यक्ष चुने गए थे। इस बार के निकाय चुनाव में नगर पालिकाओं में बीजेपी की सीटें दोगुनी से भी ज्यादा बढ़कर 12 हो गई हैं। हालांकि, नगर पालिका महोबा में देर रात तक मतगणना जारी रही। यहां भाजपा प्रत्याशी बीएसपी से आगे थे। वहीं, नगर पंचायतों में बीजेपी को चार सीटों का इजाफा हुआ है। इस बार जालौन की एट समेत दो नगर पंचायत बनने से बुंदेलखंड में नगर पंचायतों की संख्या 33 हो गई है।

सपा, बसपा और कांग्रेस से बेहतर रहा निर्दलीय का प्रदर्शन

निकाय चुनाव में सपा, बसपा और कांग्रेस से तो बेहतर प्रदर्शन निर्दलियों का रहा। इस बार निर्दलियों ने दो नगर पालिका और 12 नगर पंचायतों में फतह हासिल की है। जबकि, 2017 में पांच नगर पालिका और नौ नगर पंचायतों में निर्दलीय अध्यक्ष चुने गए थे।

ये रही स्थिति

निकाय भाजपा सपा बसपा कांग्रेस निर्दलीय

नगर पालिका 12 1 2 0 2

नगर पंचायत 15 3 0 3 12



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