संवाद न्यूज एजेंसी
कदौरा। बिजली विभाग के खंभों पर अब डिश केबल, विज्ञापन और टेलीफोन, ब्रॉडबैंड के केबल बांधने के लिए शुल्क देना होगा। खंभे पर केबल बांधने के लिए संचालक ( सर्विस प्रोवाइडर ) को प्रति वर्ष एक खंभे के अनुसार 550 रुपये शुल्क देना होगा। शुल्क न देने और मनमानी करते हुए अनधिकृत रूप से केबल खींचने पर एफआईआर कराने के आदेश दिए गए हैं।
नियमों का पालन कराने के लिए यूपीपीसीएल के अध्यक्ष की ओर से एमडी दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम और जिले के अधिकारियों को इस संबंध में आदेश भेज तत्काल अमल कराने के निर्देश दिए गए है। आदेश आने के बाद बिजली विभाग के अधिकारी अभियान चलाकर दो दिन से खंभों से केबल हटवा रहे हैं। इससे कई सेवाएं प्रभावित होने की आशंका है।
बता दें कि यूपीपीसीएल के अध्यक्ष देवराज की ओर से नगर पंचायत क्षेत्र में लगे बिजली के खंभों को बिना अनुमति के विज्ञापन, डिश केबल या प्राइवेट कंपनियों के टेलीफोन के तार बांधने के उपयोग में लिए जाने की किसी की ओर से शिकायत भेजी गई थी। जिस पर उन्होंने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड आगरा के एमडी को पत्र लिखकर बिना अनुमति के बिजली पोलो पर बंधी केबल, विज्ञापन बोर्ड आदि को तत्काल हटाने के निर्देश दिए थे।
प्रति खंभे के लिए देना होगा 550 का शुल्क
बिजली विभाग की ओर से प्रति खंभा 550 उपयोग शुल्क निर्धारित किया गया है। इसके लिए बिजली खंभे का उपयोग करने वालों को पहले विभागीय अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। उपयोग शुल्क जमा करना होगा। इसके बाद आदेश मिलने पर संबंधित व्यक्ति अनुमति आधार पर निर्धारित किए गए बिजली खंभों पर डिश केबल,टेलीफोन तार, फ्लेक्सी या अन्य किसी प्राइवेट कंपनी के विज्ञापन के उपयोग में लाया जा सकता है। यही नहीं बिना अनुमति के बिजली खंभे का उपयोग होते पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ एफआईआर भी हो सकती है।
उपखंड अधिकारी राजेश पटेल ने बताया कि उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद बिजली खंभों पर बिना अनुमति के अनाधिकृत रूप से बंधे डिश और प्राइवेट टेलीफोन कंपनियों के तार और विज्ञापन संबंधी लगे बोर्ड आदि को हटवाने का काम गुरुवार शाम से शुरू करा दिया गया है। यदि किसी को अपने जरूरत के अनुसार बिजली खंभे पर केबल आदि बांधनी हो तो उसके लिए विभाग की शर्तों के अनुसार निर्धारित शुल्क जमा करें। इसके उपरांत उसे अनुमति दे दी जाएगी। अन्यथा की स्थिति में संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।