मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में जब से महाकाल महालोक साकार हुआ है, तब से श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। गर्भगृह में जाने से लेकर भस्मारती में भाग लेने तक के लिए सशुल्क व्यवस्था लागू की गई है, इसे लेकर संत समाज और आम लोग नाराज हैं। उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया ने भी स्वीकार किया कि क्राउड मैनेजमेंट गड़बड़ है, उसे सुधारने की जरूरत है, इस पर काम किया जा रहा है।
महाकाल महालोक को देखने के लिए सिर्फ प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश-विदेश के हजारों भक्त रोज उज्जैन आ रहे हैं। इसे देखते हुए महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शनों को सुलभ बनाने के लिए महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने सशुल्क दर्शन व्यवस्था लागू की है। शीघ्रदर्शन के लिए 250 रुपये, भस्मारती में भाग लेने के लिए 200 रुपये और गर्भगृह में जाने के लिए 750 रुपये तक की रसीद काटी जा रही है। इससे उन भक्तों को परेशानी हो रही है, जिनके पास पैसा तो नहीं है लेकिन भक्ति और आस्था भरपूर है। संत समाज भी सशुल्क दर्शन व्यवस्था का विरोध कर रहा है।
अवधेशानंद पुरी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक को पत्र लिख चुके हैं। व्यवस्था कुछ इस तरह हो गई है कि जो वीआईपी हैं, उनके लिए दर्शन सुलभ हैं। वहीं, आम लोगों को गणपति हॉल से दर्शन की व्यवस्था की गई है, जहां से भक्तों को 150 फीट दूर से सिर्फ महाकाल ज्योतिर्लिंग की सिर्फ एक झलक मिलती है। अमर उजाला ने इस समस्या को लेकर उज्जैन के सांसद अनिल फिरोजिया से बात की। उन्होंने माना कि क्राउड मैनेजमेंट गड़बड़ है। इसे सुधारने के लिए काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि महाकाल महालोक के दूसरे चरण का काम चल रहा है। इस वजह से श्रद्धालुओं को परेशानी आ रही है। जब तक काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक थोड़ी परेशानी आ सकती है।
सभी प्रसिद्ध मंदिरों में सशुल्क दर्शन व्यवस्था
सांसद फिरोजिया ने कहा कि देश के कई प्रसिद्ध मंदिरों में सशुल्क दर्शन व्यवस्था हैं। इसी तर्ज पर महाकाल मंदिर में दर्शन की व्यवस्था शुरू की गई है। यह व्यवस्था अभी शुरुआती दौर में है। कोई भी नया नियम आता है, तो थोड़ी असुविधा होती ही है। धीरे-धीरे आदमी उसमें ढल जाता है। कुछ दिन तो लोगों को ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। कुछ दिन बाद यह सब दिक्कत खत्म हो जाएगी। कुछ अफसर नियम तोड़कर वीआईपी दर्शन कर रहे हैं तो यह गलत बात है। ऐसे अफसरों पर अनुशात्मक कार्यवाही करना चाहिए।
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चार गुना अधिक लोग पहुंच रहे हैं दर्शन के लिए
सांसद फिरोजिया ने कहा कि मंदिर में दर्शन व्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर आएगी। छुट्टियों के दिन और शुक्रवार से रविवार तक श्रद्धालुओं की भीड़ होती है। लोगों को असुविधा न हो इसके लिए गर्भगृह को बंद किया गया है। ताकि सभी लोग दर्शन कर सके। महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद से ही पहले से चार गुना लोग उज्जैन पहुंच रहे हैं। हमारा क्राउड मैनेजमेंट ठीक नहीं है। हम उसे सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरे फेज के काम के बीच लोगों को दर्शन करना बड़ी परेशानी बन रहा है।
गर्भगृह में भीड़ को सीमित किया
सांसद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के चलते मंदिर के गर्भगृह में दर्शन सीमित किया गया है। जब गर्भगृह में भीड़ बढ़ती है तो श्रद्धालु सीधे शिवलिंग पर हाथ टेकते हैं। उनके शरीर का पूरा वजन शिवलिंग पर आ जाता है। आम लोगों के लिए मंगलवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक निशुल्क दर्शन व्यवस्था है। इन दिनों में लोग गर्भगृह जाकर दर्शन कर सकते हैं। जल भी अर्पण कर सकते हैं। प्रशासन ने ऑनलाइन व्यवस्था भी की है। ऑनलाइन बुकिंग में लोग स्लॉट बुक कर दर्शन कर सकते हैं।